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Friday 7 December 2012

मैं कुंवारी पापा की प्यारी, चुद गयी यारों



कल हमने होली और फाग दोनों मनाये.. यहाँ US में weekend में ही tyohar मानाने का रिवाज है... एक लोकल क्लब में सब इकट्ठे थे - तकरीबन ३५ से ४० भारतीय परिवार.. होली जलाई गयी.. सब खूब नाचे - दारु पी - भांग और ठंडाई खुल कर बही - सबने जम कर पी - खूब रंग खेला - सब लाल भुत बने हुए थे - पापा ने क्लब के मैनेजर से ऊपर के एक कमरे की चाबी चुप चाप ले रखी थी... मम्मी अपनी सहेलियों के साथ मगन थी - भैया अपने दोस्तों के साथ -


पापा ने इशारा किया और मैं नजर बचाकर उनके साथ होली - ऊपर कमरे में पहुँचते ही पापा ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और बेदर्दी से मेरे होठ चूसने लगे - मैं उनका पूरा साथ दे रही थी - पापा ने जब छोड़ा तब तक मैं गरम हो चुकी थी - पापा ने फटाफट अपने कपडे उतारे और मेरे सामने थे उनका मोटा लम्बा लंड - पापा का पूरा बदन रंग में रंग था सिवाय लंड के - उनका गोरा चिट्टा लंड मचल मचल कर उछल उछल कर मुझे इशारे कर रहा था - अपने पास बुला रहा था - रोक नहीं पाई खुद को और दौड़ कर मुह में ले लिया - बेतहाशा चूसने लगी - पापा मेरे बालों को कस कर पकडे हुए थे और बीच बीच में इतनी जोरों से खींचते की लंड मुह से बहार आ जाता और पापा उसी तरह बाल पकडे हुए ही मेरे मुह लौंडा घुसा कर चोदने लगते - अचानक उन्होंने पूरा का पूरा लंड मुह में ठांस दिया - समझ गयी की अब उनका गिरने वाला है - और फिर जैसे मेरे मुह में बाढ़ आ गयी हो - पापा की मलाईदार ठंडाई का कोई मुकाबला नहीं था - जो नशा लंड के इस गाढे गाढे माल में था वो दुनिया के किसी भी नशे में नहीं हो सकता....


पापा ने मुझे खड़ा किया और अपने हाथों से नंगा कर पलंग पर धकेल दिया और मेरी चूत को मुह लगा चूसने लगे - थोड़ी ही देर में मैं पागलों की तरह मचलने लगी और पापा को गन्दी गन्दी गलियां देते हुए चोदने के लिए कहने लगी - अब नहीं बर्दास्त हो रहा था - मैंने पापा को अपने ऊपर खिंच लिया और उन्हें बिस्तर पर पलट उनके लंड पर चढ़ बैठी... कुछ देर मर्दों की तरह पापा को चोदती रही की अचानक पापा ने मुझे पटक कर मेरे ऊपर आ गए और मुझे चोदने लगे - हर धक्का चूत की गहराइयों तक लंड को पहुंचा रहा था - भांग के नशे ने उनके ठहरने की ताकत को और भी बढ़ा दिया था साथ ही एक बार मुह में झड चुके थे - इसलिए बिना रुके चोदे ही जा रहे थे - पता नहीं कितनी देर तक चोदते रहे और जब झडे तो लगा पूरी चूत उनके रस से भर गयी है... थोड़ी देर बाद उठे और कपडे पहन कर बोले कि मैं जा रहा हूँ तुम थोड़ी देर बाद नीचे आ जाना... मगर मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया...


मैं चुदाई और भांग के नशे में मदहोश पड़ी थी - नंग धडंग - न जाने कितनी देर यूँहीं पड़ी थी कि पापा के हाथ फिर से अपने बदन पर सरकते महसूस हुए - मेरी चुचियों पर उनकी पकड़ सख्त हो गयी और मेरे होठो को अपने होठो में समेट लिया - मैं मन ही मन बोली - थैंक यु पापा - मेरा कितना ख़याल रखते हैं - और मैं अध्-बेहोशी की हालत में उनका साथ देने लगी - लौंडा चूत में और आग जगा रहा था - लगता है पहली चुदाई के बाद पापा का नशा कुछ उतरा है - एक एक धक्का नाप तोल कर लगा रहे थे - चूत की दीवारों का रगड़ते हुए लौंडा जब अन्दर जाता था तो लगता था चैन आ रहा है और फिर जब खींच कर निकालते थे तो चूत पागलों की तरह लंड से चिपटने की कोशिस करती थी - एक बार फी मेरी चूत मालामाल होने जा रही थी - और जब खुलता हुआ माल चूत में गिरा तो लगा बेहोश ही हो जाउंगी - निढाल सी पलंग पर फैली पड़ी थी की पापा के नंगे बदन का सारा बोझ मेरी चुचियों पर आ पड़ा - मेरे रस और अपने वीर्य में सना लंड मेरी छाती पर बैठ मेरे मुझ में घुसेड दिया - बिना सोचे समझे आँखे बंद किये बेतहाशा लंड चूसने लगी - लौंडा फिर तन्ना गया - पापा मुझ पर से उठे और मुझे उठा कर पेट के बल पलंग के किनारे पर लिटा दिया - मेरी टाँगे जमीन को छू रही थी और चुतड पलंग के किनारे पर थे - पेट के नीचे हाथ दे कर उन्होंने मेरे चुतड हवा में उठा दिए और एक सधा हुआ निशाना और लौंडा आधा मेरी गांड में था - दर्द के मारे मेरी चीख निकल गयी - पापा ने मेरे मुह अपने हाथों से दबोच लिया और चीख वहीँ की वहीँ घुट कर रह गयी - दुसरे हाथ से मेरी चूची थामी और और अगले ही धक्के में पूरा का पूरा लौंडा मेरी गांड में था - मैं दर्द से बिलबिला रही थी मगर पापा मेरे दर्द से बेखबर मेरी गांड में लंड पेले ही जा रहे थे - मैं भी अब मजा लेने लगी थी - चुतड पीछे धकेल कर धक्के पर धक्के झेल रही थी - गांड के संकरे छेद में लंड ज्यादा देर टिक नहीं पाया और माल उगल दिया... मैं थकी हरी पलंग पर गिर पड़ी - पता ही नहीं चला पापा कब उठे और कब गए...


.कमरे में हम तीन थे और दिलीप के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी - मैंने कमरे कि चिटकनी बंद कर दी और पापा से बोली - पापा, इसने मेरी इज्जत लूट ली उसकी इसको सजा मिलनी ही चाहिए | पापा पूछने लगे क्या चाहती हो तुम - मैंने कहा ये बिना सजा भुगते भाग न जाए इसके लिए इसके कपडे उतर कर इसको नंगा कर दीजिये | दिलीप काफी हील-हुज्जत कर रहा था पर हम दोनों ने मिल कर उसे नंगा कर ही दिया | मेरे कहने पर उसे पलंग पर लिटा कर मेरी चुन्नी से उसके दोनों हाथ बांध दिए और पापा कि टी से उसके दोनों पांव. अब दिलीप मादरजाद नंगा पलंग पर बंधा पड़ा था और माफी मांग रहा था - मैंने कहा गलती करने से पहले सोचना था अब भुगतने को तैयार हो जाओ - इतना कह कर मैं भी अपने कपडे उतर कर नंगी हो गयी - पापा कुछ सोच पायें इससे पहले दिलीप का लौंडा मेरे मुह में था | थोड़ी सी चुसाई के बाद ही तन्नाने लगा - मैं पापा से बोली पापा प्लीज़ पीछे से घुसा दीजिये अपना लौंडा - मेरे तो मजे थे - एक चूत में था और एक मुह में - दिलीप ने थोड़ी ही देर में मेरे लिए dessert कि व्यवस्था कर दी और मुह मलाईदार रबड़ी से भर दिया - पापा भी और न रुक पाए और मेरी चूत भर दी 
|मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं
कुछ करो ना हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक जाते हैं दो घंटे तक मैं थी - चुदास कुतिया और मेरे चूत पर जुटे थे दो कुत्ते - पापा और दिलीप | मेरे तीनो छेदों में दे पिचकारी दे पिचकारी होली खेली गयी | अब और ताकत नहीं थी चुदने कि और हम तीनो ही निढाल पलंग पर पड़े थे कि इतने में कोई जोरों से कमरे का दरवाजा खटखटाने लगा | हम तीनो ही उठे - मैं और पापा अपने कपडे उठा कर भाग कर बाथरूम में छुप गए और दिलीप ने झटपट चादर लपेटी और दरवाजा खोला - बाथरूम के दरवाजे कि फांक से हमें सब दिखाई दे रहा था - दरवाजे पर मम्मी कड़ी थी - नशे में लडखडाती मदहोश सी - कमरे में अन्दर आकर पलंग पर बैठते हुए दिलीप से बोली - तुने सोनी और उसके पापा को देखा क्या - सारी जगह ढूंढ चुकी - कहीं घर ना चले गए हों और इस तरह बडबडाते हुए वहीँ पलंग पर पसर गयी - पलंग पर रखे दिलीप के कपडे उनके नीचे दब गए - दिलीप उन्हें निकालने के लिए मम्मी के कंधे पकड़ कर उठाने लगा ही था कि एक जोरदार झापड़ उसके मुह पर पड़ा | मम्मी गुस्से में आग बबूला हो उसपर टूट पड़ी - हरामखोर साला कुतिया का जना मुझे हाथ लगाता है ठहर अभी सब को बुलाती हूँ और इसी हाथापाई में दिलीप कि चद्दर खुल गयी और वो मादरजाद नंगा था - दिलीप ने दौड़ कर कमरे का दरवाजा बंद किया और उनके माफी मांगने लगा - मम्मी एकटक उसके लंड को देखे जा रही थी - ढीला ढाला दिलीप का लंड भी काफी आलिशान था - मम्मी ने हाथ बढ़ा कर उसका लंड थाम लिया - बिना सोच हिप्नोटाइज नीचे बैठ गयी और लंड हाथो से हिलाने लगी - लंड तन्नाने लगा था और कब मम्मी ने पूरा का पूरा मुह में समेट लिया न हमें समझ आया और न ही दिलीप को |पापा बाथरूम से सब देख रहे थे और आग बबूला हो रहे थे मगर कुछ नहीं कर सकते थे | सबसे खस्ता हालत तो दिलीप की थी जिसे पता था पापा बाथरूम में हैं और उनके सामने ही उनकी बीबी उसका लंड चूस रही है | करे तो क्या करे | उगले तो अँधा निगले तो कोढ़ी | हमारी आँखों के सामने मामी ने दिलीप से अपनी चूत भी मरवाई और मम्मी की मस्त गांड देख कर अगर दिलीप बिना गांड मारे उन्हें छोड़ देता तो मैं दिलीप को हिजड़ा समझ लेती - मगर दिलीप पक्का मर्द था औरे मामी की हर एंगल से चुदाई की - जम कर चुदाई की | बाद में मम्मी को उसने समझा बूझा कर भेज दिया की वो थोड़ी देर बाद आएगा ताकि किसी को शुबहा नहीं हो |

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मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं
कुछ करो ना हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक जाते हैं मैं और पापा बाथरूम से निकले तो दिलीप पापा से माफी मांगने लगा की उसे ऐसा इस लिए करना पड़ा ताकि पापा की और मेरी पोल न खुले | पापा गुस्से में कुछ बोलते इससे पहले मैं बोल पड़ी - चलो कोई बात नहीं तुम्हे माफ किया अब तुम फटा फट कपडे पहनो और यहाँ से निकल लो | मम्मी चुदाई देखकर मेरी बुरी हालत थी - दिलीप को मम्मी ने पूरी तरह निचोड़ लिया था और अब सिर्फ पापा का ही सहारा था - मम्मी की चुदाई किसी गैर मर्द के लौंडे से देख कर उनका लंड भी टना टन तैयार था - फिर से पलंग जवान हुआ - पापा ने अपनी बिटिया को जम कर चोदा उसी पलंग पर उसी चद्दर पर जिस पर कुछ देर पहले मम्मी रंडी की तरह चुदवा रही थी - साथ ही मैं सोच रही थी मैं कौन सी किसी रंडी से कम हूँ - वैसे होली पर तो सब जायज है |


Monday 17 September 2012

बेरियत में बेटी की चोदाई आम बात



इराक़ के बगल में एक छोटा सा देश बेरियत है। इस देश में पिता द्वारा अपनी बेटी को चोदना आम बात है मानो जैसे कोई अपनी पत्नी को चोदता हो । यहाँ हर लड़की की चुदाई की शुरआत उसके बाप से ही की जाती है। हर पिता अपनी ही बेटी को जब चाहे तब अपने पत्नी के साथ ही चोदता है। इन लड़कियों की बाद में शादी हो जाने के बाद भी पिता चाहे तो उसे अपनी सेवा के लिए बुलवा सकता है। कई पिता एक साथ ही अपनी ३-४ बेटियों को चोदता है। मतलब यहाँ पिता का अपने बेटी के जीवन पर पूरा अधिकार है। इन लड़कियों की शादी में इन घटनाओं के कारण कोई परेशानी नही आती है, क्यों की सभी जानते हैं की ये यहाँ का रिवाज़ है।

बड़े घर की लड़की ~ Hindi Story

बड़े घर की लड़की ~ Hindi Story
मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 24 साल है। मैं बचपन से ही गर्म 
किस्म का इंसान हूँ, हसीन लड़की या औरत मेरी कमजोरी है ! मेरा लंड 9 इंच बड़ा 
है, जिसकी प्यास बुझाना सबके बस की बात नहीं ! 

मैं अपनी पहली कहानी लेकर आपके सामने आ रहा हूँ, क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप 
मुझे मेरे लंड की प्यास बुझाने का कोई उपाय बताएँ ! मेरा पहला सेक्स आपके 
सामने हाज़िर है ! 

मैं गुडगाँव से अपने कमरे पर जा रहा था जहाँ मैं अकेला रहता हूँ। मैंने कभी 
कोई साथी कमरे में नहीं रखा क्योंकि रात में मेरे सेक्स की आग जाग जाती है और 
मैं आग में जलने लगता हूँ और आप सोच ही सकते हैं कि मेरे साथ में रहने वालों 
का क्या हाल होगा ? 

मेरे कई दोस्त मेरे लंड का स्वाद ले चुके हैं ! ये तो मेरी यौनेच्छा की बात 
है। मुझे कमरे तक पहुँचने के लिए बस या काल सेंटर की गाड़ी पकड़नी पड़ती है। 
मैं सड़क पर खड़े होकर गाड़ियों को हाथ दे रहा था कि तभी एक लम्बी कार मेरे 
सामने आकर रुकी, शीशा खुला, मैं देखते ही मानो होश खो बैठा ! ऐसा फिगर मैंने 
आज तक नहीं देखा- 36-24-32, क्या चूचियाँ थी ! गोरे गाल बिल्कुल दूध की तरह, 
गुलाबी होंठ जैसे बुला रहे हों कि आओ हमें चूस लो ! काले और लम्बे बाल, जो 
खुले हुए थे, उसकी उम्र लगभग 25 साल होगी, वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझे 
लगा कि मैं खड़े-खड़े झड़ जाऊँगा। 

उसने पूछा- कहाँ जाना है आपको? 

………नेहरू प्लेस ! 

उसने अंदर आने का इशारा किया और मैं चुम्बक की तरह आगे वाली सीट पर बैठ गया। 
मेरी नज़र उसकी चूचियों से हट ही नहीं रही थी, उसके गोरे गालो को चूमने का मन 
कर रहा था। उसने लाल रंग का शॉर्ट टॉप और काले रंग की जींस पहन रखी थी। 

……..क्या देख रहे हो? उसने कहा। 

तो मैं झिझक गया ….नहीं कुछ तो नहीं ! आप इतनी सुन्दर हैं कि कोई भी आपको 
देखता ही रह जाएगा ! 

उसने अपना हाथ गेयर की तरफ बढ़ाया और मेरी घुटने पर रख दिया। तभी मेरा लौड़ा 
और तन गया ! मैंने अपने लंड को दोनों हाथों से छिपा रखा था ताकि वो देख ना ले 


उतारते समय उसने अपना विज़िटिंग कार्ड देकर अगले दिन आने को कहा। 

सॉरी, मैं उसका नाम बताना भूल गया- उसका नाम कोमल था, 

अगले दिन मैं दिए पते पर पहुँच गया ! 

दरवाजा खुला, आज कोमल कल से ज्यादा स्मार्ट लग रही थी ! 

उसने मुझे चाय के लिए पूछा, मैंने मना कर दिया। 

कोमल उंगली का इशारा करके अपने बेडरूम में चली गई। पीछे पीछे मैं भी चला गया। 
वो अपने कपड़े उतारने लगी ! 

……..तुम कल क्या देख रहे थे ? 

मैंने सोचा कि तुम्हें आज सब कुछ दिखा देती हूँ….. 

इतना सुनते ही मैंने उसके होंठ चूस लिए, वो तड़प उठी जैसे बिन पानी मछली ! 

कोमल ने आज काले रंग की ब्रा और काले रंग की ही पैंटी पहन रखी थी। उसका जिस्म 
फूलों की तरह महक रहा था ! 

उसने अपने काले और लम्बे बाल खोल कर कहा- देख लो, जो देखना चाहते हो ! जितना 
करीब से चाहो ! 

मैं भूखे शेर की तरह टूट पडा ! 

मैं उसकी गोल-मटोल चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। वो मुझसे लिपट गई। 

मुझे लगा कि मुझसे भी ज्यादा लोग गर्म हैं इस दुनिया में, जो जिस्म की आग में 
तप रहे हैं ! 

मैंने कोमल के जिस्म से आखिरी कपड़े भी अलग कर दिए ! 

अब वो मेरे कपड़े उतारने लगी तो मैं उसकी पीठ सहलाने लगा। 

मैंने धीरे से उसके कान को काट लिया, उसके मुँह से उफ्फ्फ्फफ्फ़ की आवाज़ आई। 
वो मुझसे सांप की भांति लिपट गई। 

मैंने उसे उठा कर उसकी चूचियों को मुँह में लेना चाहा तो उसने पहले चूत की 
तरफ इशारा किया। 

मैं तभी चूत की तरफ मुड़ गया ! कोमल की चूत बिलकुल टमाटर की तरह लाल और अंगूर 
की तरह छोटी थी। 

मैंने चूत को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चाटने लगा ! उसके मुँह से आह आह 
आह आह आह आह आह आह की आवाज़ निकलने लगी। 

उसने एक हाथ से मेरा लण्ड सहलाना शुरु कर दिया। उसका एक हाथ मेरे सर पर था, 
वो मुझे ऐसे दबा रही थी कि मानो कह रही हो- मेरी चूत में घुस जाओ ! 

इतनी कामुक औरत मैने अपनी जिंदगी में नहीं देखी ! 

मैं कोमल के ऊपर आ गया। अब मेरा लंड उसके मुँह में था और मैं उसकी चूत का 
स्वाद ले रहा था ! 

वो लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे लग रहा था कि काट कर खा जाएगी ! 

मै उसे मना नहीं कर पाया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था ! 

20-25 मिनट तक हम एक दूसरे को चाटते रहे ! इस बीच वो दो बार पानी छोड़ चुकी 
थी मगर मेरा निकल ही नहीं रहा था ! 

मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकालना चाहा तो जिद करने लगी- मुझे पानी पीना 
है ! 

मैंने समझाया- चूत में डालेंगे तो पी लेना ! 

वो मान गई ! 

मैंने उसके होंट चूसना शुरु कर दिए और एक हाथ से कोमल की चूची मसलने लगा। वो 
मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। उसका हाथ मेरी पीठ को सहला रहा था। वो जिस्म 
की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म मे 
समा जाओ ! 

मैंने उसके जिस्म को ऐसे चाटना शुरु किया जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो ! 

वो उफ़ उफ़ उफ़ किये जा रही थी और कह रही थी- फाड़ दो ! मेरी चूत फाड़ दो ! 
मेरी प्यास बुझा दो ! जानू मेरी चूत को चोद कर भोसड़ी बना दो ! मेरी प्यास 
बुझा दो ! मेरे जिस्म को ठंडा कर दो ! मेरी आग बुझा दो ! 

करीब 30 मिनट तक मैं उसे चाटता रहा ! उसने मुझे ऊपर खींच लिया- डाल दो, डालो 
न ! क्यों तड़पा रहे हो ? प्लीज डाल दो जानू ! मेरी जान, मेरी चूत में घुस 
जाओ ! 

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा ही था कि वो दर्द के मारे रो उठी, मैं समझ 
गया कि वो कुंवारी बुर थी ! 

बिस्तर पर खून ही खून ! 

वो डर गई ! 

मैंने उसे समझाया कि ऐसा पहली बार में होता है, बस थोड़ी देर में सब ठीक हो 
जायेगा। 

मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और कोमल भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा 
था कि जैसे उसे दर्द हो ही न रहा हो ! 

मैंने पूछा तो बोली- दर्द से बड़ी प्यास है ! पहले मेरी प्यास बुझ जाये ! 
प्लीज फाड़ डालो ! होने दो दर्द ! फट जाने दो मेरी चूत को ! 

मेरा 9 इंच का लंड उसकी योनि के अंदर ऐसे जा रहा था जैसे कोई गर्म छड़ हो ! 
और वो बार बार कह रही थी- साली को फाड़ दो ! मेरी चूत को फाड़ दो ! मेरी जान, 
मेरे प्यारे राजा ! 

मैं उसकी चूत चोद ही रहा था कि अचानक दरवाज़ा खुला ! 

अब मेरे पैरों तले जमीन नहीं रही !

Sunday 16 September 2012

बच्चों के सामने करते हैं चुदाई



कई जगहों में घनी आबादियों के कारण बड़ा घर मिलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कई लाख परिवारको एक रूम के फ्लेट में रहना पड़ता है जहाँ वो अपनों बच्चों के साथ रहते हैं। एक ही कमरे में पतिपत्नी और उनके बच्चे भी रहते हैं। ऐसे में कई पति अपनी पत्नी की चुदाई अपने बच्चों के सामने हीकर डालते हैं। उनके बच्चे भी सारा खेल उनके साथ देखते हैं। कई बार पति शराब आदि के नशे मेंसब कुछ होश खो बैठता है और बच्चों के सामने ही अपनी पत्नी को नंगा कर उसे चोदना शुरू कर देताहै। ऐसी घटनाएं छोटे चालनुमा घर अथवा झुग्गी झोपडियों में आम बात है। यही वजह है की ऐसेजगहों के बच्चे काफ़ी कम उम्र में ही सेक्स के बारे में सब कुछ जानने लगते हैं। कई बार तो ऐसेजगहों में औरतें अपनी चुदाई करवाते हुए अपने बच्चों को घर का कोई काम करने का निर्देश भी दियाकरती है।
एक जगह तो मैंने ख़ुद देखा की दिन के ११ बजे ही एक रिक्शा चालक अपनी पत्नी को पुरी तरह सेनंगा कर के उसकी बुर की चुदाई कर रहा है और उसकी बीबी मज़े लेते हुए अपनी १० साल की बेटी कोसब्जी में हल्दी डालने को कह रही थी जो की ठीक उसके बगल में बैठ कर सब्जी चला रही थी।दरअसल मै उस रिक्शा चालक से मिलने उसके झुग्गी में अचानक ही प्रवेश कर गया। मुझे क्या पताथा की दिन के समय भी वो अपनी बीबी की चुदाई कर रहा होगा। मुझे देखने के बाद वो सकपका गयाऔर जल्दी से दोनों उठ कर अपने अपने कपड़े पहनने लगा।

Saturday 15 September 2012

बलशाली तेल रत्ना औषध



क्या आप अपने लिंग के छोटेपन से परेशान हैंक्या आपका लिंग सेक्स के दौरान कड़ानहीं होताक्या आप सैक्स के शुरुआत में ही शीघ्रपतन के शिकार हो जाते हैंक्या आपरोजाना हस्तमैथुन करना चाहते हैं लेकिन कमजोरी की वजह से डरते हैंक्या आप चाहकर भी अपने पत्नीसाथी के साथ एक रात में एक बार से अधिक शारीरिक सम्भोग नहींकर सकते हैंक्या आप हस्तमैथुन या सैक्स के बाद कमजोरी महसूस करते हैंक्या आपको लगता है कि सैक्स या हस्तमैथुन के बाद आपके लिंग से कम वीर्य निकलता हैक्याआप इन कारणों से अन्दर ही अन्दर परेशान रहते हैं और किसी को ये समस्याएं खुल करनहीं बता सकते हैं?

अब आपको इन सब कारणों से आपको परेशान होने कि कोई आवश्यकता नहीं है. क्यों कि अमेरिकेनलैब में टेस्ट किया हुआ भारतीय जड़ी बूटी का चमत्कार अब भारत में बिक्री के लिए उपलब्द्ध है. रत्नाऔषध वियाग्रा का भी बाप है. रत्ना औषध को अमेरिकी दवा कंपनी पेटेंट करने के चक्कर में थी.परन्तु भारतीय वैद्यों के कड़े प्रतिकार के कारण वो ऐसा करने में असफल रही.
रत्ना औषध मुख्या रूप से हिमाचल और उत्तरांचल की पहाड़ियों एवं लेह की घाटियों में पाए जानेवाली वो औषधी है जिसकी जानकारी पिछले कई सालों से आयुर्वेदाचार्यों को थी. रत्ना औषध का नामके पीछे एक कहानी है. कहा जाता है कि 600 ई० पूर्व हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी में "लुम्पी" नाम काएक राज्य था. वहां के राजा चंद्रसेन थे जो बहुत ही प्रतापी थे. राजा चंद्रसेन की एक रानी थी रत्नाश्री. यूँतो राजा काफी प्रतापी थे किन्तु जब वो रात को अपनी रानी के साथ सम्भोग करते थे तो उनका लिगखड़ा नहीं होता था. किसी तरह रानी काफी मेहनत से राजा का लिंग खड़ा करती लेकिन रानी के योनीमें राजा का लिंग प्रवेश करने से पहले ही योनी के मुखद्वार पर ही राजा का वीर्य निकल पड़ता. औरउधर ये देख कर रानी की आँख से आंसू निकल पड़ते थे. राजा भी काफी शर्मिंदगी का सामना करतेथे. इस तरह दोनों का वैवाहिक जीवन काफी कष्टमय चल रहा था हालांकि किसी भी दरबारी को उनकेइस हालात का पता नही चल पाया. रानी रत्नाश्री काफी उदास रहने लगी. राजा ने सोचा शायद इसेबाहर घुमाने ले जाने पर ये खुश हो जाये. इस लिए राजा चंद्रसेन और रानी रत्नाश्री कुछ दिनों के लिएहिमालय की और घुमने चल दिए. उन दोनों के साथ कोई नहीं था. दोनों 3-4 दिनों तक घुमने के बादहिमालय के काफी अन्दर तक चले गए थे. राजा ने वहीँ एक गुफा में रात बिताने की सोची. गुफा केअन्दर मशाल जला कर दोनों एक दुसरे से लिपट कर आराम कर रहे थे. राजा चंद्रसेन को भूख लगरही थी. रानी ने कहा - आप आराम कीजिये, मै बाहर से कुछ फल लाती हूँ. रानी बाहर आ करआसपास से फल फूल तोड़ने लगी. तभी उसकी नजर एक सुनहरे रंग के छोटे से पौधे पर पड़ी. रानीउस पौधे के निकट गयी तो वो काफी सुगन्धित था. रानी ने सोचा क्यों न इसे भी राजा को दिया जाए.तभी रानी को ख़याल आया कि कहीं यह जहरीला हुआ तो? इसलिए उसने सबसे पहले उस पौधे कोस्वयं ही खाने का निश्चय किया. उसने उस पौधे से कुछ पत्ते तोड़े और खाने लगी. सचमुच काफीअद्भुत स्वाद था. थोड़ी देर प्रतीक्षा करने के बाद उसने महसूस किया कि इस पौधे से कोई हानि नहींहोती है तो उसने कुछ और भी पत्ते तोड़ लिए और गुफा में वापस लौट आई. उसने राजा को फल खानेको दिए. राजा ने जब फल खा लिए तब रानी ने राजा को वो पत्ते भी दिए. राजा भी उस पत्ते कि महकसे आश्चर्यचकित थे. उन्होंने भी वो पत्ते खाए. खा कर वो दोनों फिर लिपट कर सो गए. आधे घंटे में हीराजा का मन रानी के सहवास करने का होने लगा. राजा का लिंग काफी कड़ा हो गया था. राजा नेआजतक अपने लिंग को इतना कड़ा नही पाया था. उसने रानी को कहा कि आपसे सम्भोग करने काजी कर रहा है. रानी को भी आश्चर्य हुआ क्यों कि राजा आजतक कभी भी सम्भोग करने की इच्छानहीं जताई थी. हालांकी सम्भोग की इच्छा तो रानी को भी काफी प्रबल हो रही थी किन्तु वो संकोचवशबोल नहीं पा रही थी. रानी ने राजा का आदेश का पालन करते हुए निवस्त्र हो गयी एवं राजा के भी वस्त्रखोलने लगी. किन्तु जब उसकी नजर राजा के लिंग पर गयी तो उछल पड़ी. राजा का लिंग लोहे कीखम्भे की भाँती खडा था. राजा ने रानी के योनी में अपना लिंग का जब प्रवेश कराया तो जिस तरह सेकुंवारी लड़कियां पहले सहवास के दौरान मदहोश हो जाया करती है उसी प्रकार से रानी रत्नश्री मदहोशहो गयी. उस समय राजा ने कम से कम आधे घंटे तक लगातार रानी के योनी में अपने लिंग से प्रहारजारी रखा. रानी की योनी इतने होने पर भी सखलित नही हो रही थी ना ही राजा हार मान रहा था.लिंग और योनी के मध्य आधे घंटे के भीषण संघर्ष के बाद राजा और रानी का पानी निकला. इसकेबावजूद भी राजा और रानी ने दम नही मारा. उस रात राजा ने रात भर रानी के साथ सम्भोग किया.इस दौरान राजा ने 18 बार रानी के योनी में अपने लिंग का वीर्य गिराया. जब सूर्योदय हो गया तब जाकर राजा अपनी रानी के बदन पर से हटे. रानी रत्नाश्री आज इतनी खुश थी कि मानो उसने कोई बहुतबड़ा खजाना पा लिया हो. दोनों नित्य क्रिया करम से निपटने के बाद झरने में स्नान करने गए.झरने का पानी काफी ठंडा था. किन्तु रानी के शरीर में अभी भी इतनी गरमी थी कि वो निवस्त्र हो करझरने में नहा रही थी. प्रातः कालीन सूर्य की सुनहरी चमकीली रोशनी में रानी का नंगा शरीर सोने कीतरह दमक रहा था. रानी का दमकता हुआ बड़ा स्तन ऐसा लग रहा था मानो सोने का दो पर्वत आपसमें हठखेलियाँ कर रहे हों.यह देख राजा का लिंग पुनः विशाल स्थिति में आ गया और वो भी रानी केनिकट झरने में आ गए. उन्होंने रानी के बचे हुए वस्त्र भी खोल दिए और स्वयं भी निवस्त्र हो करप्रकृति की गोद में प्राकृतिक अवस्था में आ गए. उस ठंडी पानी में भी राजा और रानी कई घड़ी तकसम्भोग करते रहे तथा राजा ने उस ठंडी पानी में भी 4 बार रानी की योनी में अपना गरम पानी छोड़ा.राजा ने नंगे बदन ही नंगी रानी को गोद में उठाया और वापस गुफा में आगए और आराम करने लगे.रानी ने राजा के सीने पर सर रख कर बड़े ही प्यार से कहा क्यों जी इतने दिन तक आपका ये जोशकहाँ था? राजा ने उत्तर दिया - पता नहीं क्यों जब से मैंने वो सुगन्धित पत्ते खाए तभी से मेरा मनसम्भोग करने के लिए उत्कृष्ट हो गया. अचानक रानी का ध्यान उस पौधे पर गया. वो दौड़ कर गुफाके बाहर वहीँ गयी जहाँ उसने कल वो पौधे देखे थे. दिन की रोशनी में वो पौधे सोने की तरह चमक रहेथे. रानी ने बड़ी ही सावधानी से एक पौधा जड़ सहित उखाड़ा और वापस गुफा में आ गयी. वहां उसनेराजा को बताया कि कल इसी पौधे के पत्ते को हम दोनों ने खाए थे. जिस वजह से आपके अन्दर कापौरुषतव जाग उठा और उस समय से आपके लिंग ने अभी तक में कुल 22 बार मेरी योनी से युद्धकर हर बार इसे हरा दिया. राजा ने कहा अब हम इस पौधे अपने राजमहल में भी लगायेंगे. रानीरत्नश्री ने कहा लेकिन इस पौधे का नाम क्या है? राजा ने कहा चूँकि इस पौधे को रानी रत्नश्री ने खोजाहै इसलिए इस पौधे का नाम रत्ना औषध होगा. रानी मुस्कुरा कर बोली जैसी आपकी इच्छा. उसकेबाद राजा और रानी ने उस पौधे के कुछ पत्ते तोड़े और खा लिए. उसके बाद का हुआ इसकी कल्पनाआप कर सकते हैं. दोनों अगले दिन सुबह ही गुफा से बाहर निकले. दोनों सम्भोग में इस तरह लीं होगए कि अगले 24 घंटे तक उन दोनों को ना खाने -पीने की सुध रही ना ही सोने की.
दोनों ने 1 महिना तक उसी गुफा में गुजारा. इस एक महीने राजा और रानी ने पिछले कई सालों कीप्यास बुझा ली. दोनों एक 1 महीने तक कोई वस्त्र धारण नहीं किया. एक महीने के बाद रानी महसूसकिया कि उनका गर्भ ठहर गया है. उसने राजा को यह बात बताई. राजा चंद्रसेन काफी खुश हुए. उसकेबाद दोनों ने वस्त्र धारण किये और उस दिव्य शक्तिशाली पौधे को लेकर शीघ्र ही राजमहल की औरप्रस्थान कर गए. राजमहल में जब रानी की माँ बनने की खबर आई तो चारो तरफ खुशियाँ हीखुशियाँ दौड़ गयी. नियत समय पर रानी ने एक चाँद जैसे पुत्र को जन्म दिया. पुत्र के जन्म के बादभी राजा और रानी उसी तरह आपस में सम्भोग करते रहे जिस प्रकार से हिमालय की गुफा में कियाकरते थे. हालांकि अब राजा को राजकाज भी देखना पड़ता था. कहा जाता है कि राजा जब 65 वर्ष काहो गया तब उसकी यौवन शक्ति कम हो गयी थी. तब उसने फिर से रत्ना औषध को अपनाया और 88वर्ष की उम्र तक रानी रत्नश्री के साथ सम्भोग करता रहा. बाद में दोनों अपने बेटे किर्तिसेन कोराजपाट सौंप कर पुनः उसी गुफा में रहने चले गए जहाँ उन दोनों ने अपनी जीवन की नयी शुरुआतकी थी. उस जगह के कोसों आसपास कोई मानव बस्ती नही थी. दोनों अगले 15 साल तक निवस्त्रअवस्था में रहते हुए खुशी खुशी अपना जीवन व्यतीत किया. 105 वर्ष की अवस्था में एक दिन राजाअपनी रानी के साथ सम्भोग कर रहा था तभी एक जबरदस्त भूकंप आया और एकबहुत बड़ी चट्टानउस गुफा पर गिर गयी जिस में वो दोनों रहते थे जिससे वो गुफा ध्वस्त हो गयी. राजा और रानी दोनोंही सम्भोग करते हुए ही दुनियां से चल बसे.
आजभी यह औषधी हिमालय की तलहटी में पाया जाता है तथा वो रत्ना औषध के नाम से ही मशहुरहै. यह दवा सैक्स के लिए इतनी लाभदायक है कि इसको पानी में 2 बूंद मिला कर पीने मात्र से हीसम्भोग करने की इच्छा अति प्रबल हो जाती है. अगर आपकी पत्नी या प्रेमिका किसी कारणवशसम्भोग नहीं करना चाहती है तो उसे बिना बातये ही 2 बूंद औषधि को एक कप पानी में में मिला करपिला दें. फिर अगले 10 मिनट के बाद से ही उसकी सैक्स ग्रंथी इतनी जागृत हो जायेगी कि वो खुद बखुद बिना किसी लाज-शर्म या हिचक के अगले 5-6 घंटे तक आपके साथ पूरा मौज करेगी. औषधिपीलाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि अगले छः सात घंटे तक आप उसके साथ सम्भोग करनेके लिए तैयार रहें. यानि भीड़ भाड़ के बीच अगर किसी लड़की या लड़के ने वो औषधि पी ली तो उसलड़की को किसी भी हाल में लड़का चाहिए या लड़के को किसी भी हाल में लड़की चाहिए.रत्नश्री पीने केबाद लड़की या औरत ये नहीं देखती है कि सामने वाला पुरुष कैसा है, किस उम्र का है या क्या रिश्ताहै. इसी तरह यदि किसी लड़के ने वो औषधि पी ली तो वो ये नहीं देखता है कि सामने वाली लड़कीकैसी है या किस उम्र की है या क्या रिश्ता है. उसे सिर्फ उसकी योनी दिखती है.
इसलिए बेहतर यही रहता है कि पुरुष और औरत दोनों को ही एकांत में रह कर ही इस दवा का लाभउठाना चाहिए ताकि ज्यों ही शरीर उत्तेजित हो अगले 5-6 घंटे तक आराम से दोनों सैक्स कर सकें.आज भी इस दवा के सेवन के बाद कोई भी पुरुष २-3 घंटे के अन्दर कम से कम 5 बार अपने लिंग सेभरपूर मात्रा में वीर्य निकाल सकता है. इस दवा के सेवन के बाद एक राउंड कम से कम 25 से 30मिनट का होता है. कई पुरुष वेश्या या महिला वेश्या इसी दवा का सेवन करते हैं जिस से वो रात भरमें 15-16 ग्राहकों के साथ सम्भोग करते हैं.
इस दवा की कीमत काफी कम है. सिर्फ 45 रूपये में 100 ml. की खुराक आती है. एक रात के लिए 2 ml की खुराक काफी है. इस दवा की कोई साइड इफेक्ट नही है तथा इसे लेने से पाचन शक्ति भीअत्यधित बढ़ती है जिस से खाना भी अधिक खाया जाता है.
अगर आप इस दवा को लेना चाहते हैं तो rediyamedicine@yahoo.com पर अभी मेल करें. 50 रूपये एडवांस भेजने पर ही दवाई आपके पते पर डाक द्वारा भेजी जायेगी.

Friday 14 September 2012

Sex Toys (Dildo) Online Shop In India In Cheap Rate



Do you want Dildo (Sex Toy) in cheap rate. There are many types of Dildos are available in our shop. Here is list of Dildo and there price.
क्या आप सेक्स के मस्त खिलौने चाहते हैं? आप बिना सेक्स पार्टनर के भी सेक्स का भरपूर मज़ा ले सकते हैं. यहाँ पर डिल्डो और अन्य सेक्सी सामानों के लिस्ट उनके दाम के साथ प्रकाशित किये जा रहे हैं.


(1) Indian Type Dildo (made by soft leather) -भारतीय लिंग टाइप डिल्डो , (मुलायम लेदर से निर्मित) 
Price Rs. 250/-
Size available in 3", 3.5", 4", 4.5" , 5" and 5.5".
Color - Skin, black




(2) Korean Dildo (made by very soft Korean leather) -कोरियन लिंग टाइप डिल्डो , (मुलायम कोरियन लेदर से निर्मित) 
Price Rs. 400/-Size available in 3". 3.5", 4" and 4.5"
Color - Skin, yellow



(3) American Dildo Wet and Plain (made in USA) -अमेरिकेन गीला एवं चिकना डिल्डो , 
Price Rs. 400/-
Size available in 4", 4.5", 5", 5.5", 6", 6.6", 7"
Color - Skin, black, whitish.


All dildos are available in plain and doted model.
सभी डिल्डो प्लेन एवं डॉटेड दोनों ही माडलों में उपलबद्ध हैं



(4) Soft leather ass hole inhaler (मुलायम लेदर निर्मित गुदाद्वारचुदाई का मशीन)-
Price Rs. 275/-
(5) Penis masturbate machine (लिंग का मुठ मारने की मशीन )-
Price Rs. 300/-


(6) Belt for Dildo 
(डिल्डो के लिए बेल्टइस बेल्ट में डिल्डो लगा कर स्त्रीभी किसी दूसरी स्त्री की चुदाई कर सकती है.) 
Price Rs. 200/-


(7) Cream for 
pussy and ass fuck of young girl (कम उम्र के लड़कियों के योनी एवंगुदाद्वार चुदाई के के पहले चिकनाहट प्रदान करने के लिए खुशबूदार जेलीइस से नवयुवतियों को दर्द का अहसास कम होता है. )-
Price Rs. 75/-


(8) Pussy Hair remover cream 
(योनी एवं लिंग के बाल 1 मिनट में साफ़ करने के लिए क्रीम)-
Price Rs. 100/- (100 ml.)

(9) Testy Cream For Pussy and Penis (
योनी एवं लिंग पर लगाने वाला स्वादिष्ट क्रीम जिससे योनी एवं लिंग चूसने में अत्याधिक आनंद आता है. ये चार तरह के फ्लेवर में उपलब्द्ध है - Mango Flavor, Mint Flavor, Brandy Flavor and Chocolate Flavor) -
Price Rs. 120/- for 100 gram packet.


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हमारा पता है -
Healthy Point Global Cosmetic Product Ltd. 
Mandvi, Mumbai -400003

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