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Saturday 29 March 2014

साली और बीवी के साथ सुहागरात - 2

मेरी कथा "" का दूसरा भाग आप लोगों के लिए हाजिर है। सुहागरात को पहले साली सोनू को चोदने के बाद अब मेरी बीवी मीना की नथ उतरने जा रही है : लन्ड को मुँह में ले लो, थोड़ी देर में मूंगफ़ली से तोप बन जाएगा मेरी जान ! मैं बोला। छी: यह कोई मुँह में लेने की चीज है? घिन नहीं आएगी क्या?
मीना बोली। इससे पहले मैं कुछ कहता, सोनू बोली- इसको मुँह में लेने का तो अपना अलग ही मजा है मेरी बहन ! अगर तुझे नहीं लेना तो मत ले, पर मैं यह मौका नहीं छोड़ने वाली ! तू तो अपनी बुर में ही ले लेना, चुसाई मैं कर लेती हूँ ! तेरी मर्जी, मैं तो यह नहीं करुँगी ! मुझे तो इसमें घिन आ रही है ! इस पर मीना बोली।

फ़िर मैंने अपनी पत्नी को पकड़ लिया और उसके होठों का चुम्बन लेने लगा। वो पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर जोर से चूमने लगी और मुझे कस कर पकड़ लिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था। मैंने फ़िर से उसकी ब्रा उतार दी... वाऊउउउ... उसकी चूचियाँ देख कर मैं तो चकित ही रह गया। छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। उधर सोनू मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी। मेरा लन्ड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो कर बुर को दहाड़ मार मार कर बुलाने लगा था। मैं फिर भी उसकी चूचियाँ दबाने लगा था, जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसकी साड़ी खोलनी शुरु कर दी। साड़ी खोल कर मैंने उसकी पैन्टी खींच ली और थोड़ी देर उसे देखने लगा। वाह चिकनी बुर थी, मैं उसकी बुर पर हाथ फ़ेरने लगा परन्तु इस बार मैंने अपनी ऊँगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।

उसके मुँह से अब .. आआहहह... ऊउउम्म्म्म म्म्मम... आईईईईईई -सीईईईसीई..... आआआ.... की आवाजें निकल रही थी। उधर सोनू ने मेरे लन्ड को चूस-चूस कर बेदम कर रखा था, मीना की बुर का भी बुरा हाल हो गया था, उसकी बुर का मक्खन बह कर उसके चूतडों तक पहुँच चुका था। अब मुझे लग रहा था कि बुर पूरी तरह से लन्ड लेने के लिए बेकरार है। परन्तु बुर एकदम नई थी इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लन्ड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे। मैं अब उसके चूचियाँ को पीने लगा, चूचियों को पीने मेरी पत्नी की हालत और खराब हो गई, सोनू भी अब मेरा लन्ड पीना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी।

मैं अब उसकी चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। उसने भी मेरा लन्ड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया और मेरी बीवी अब काफ़ी हद तक गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी। उसने मुझसे कहा- अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा ! मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें ! पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी। मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैंने पलट कर उसकी दोनों टाँगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया। मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा सात इंच का लन्ड बार बार फ़िसल कर नीचे चला जा रहा था। अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पाँव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी बुर ऊपर की ओर उठ गई तथा लन्ड उसकी बुर के बिल्कुल सामने आ गया।

फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक जोर का धक्का लगाया और लन्ड उसकी बुर फ़ाडता हुआ लगभग दो इंच लंड उसकी बुर में घुस गया। उसका मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह जोर से चिल्लाई- आईईईईई - माँम्म्म्म्म्म्माआआ...घुस्स्स्स गया आआआ... मेरी बुर फ़...फ़...ट्ट्ट्ट्ट गई ! मरर गई ! वह इतनी जोर से चिल्लाई थी कि मुझे लगा शायद उसकी आवाज को पूरे घर ने सुना होगा, वह इतने जोर से चिल्लाएगी इसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था, वरना मैं पहले ही उसके मुँह पर हाथ रख लेता। मैंने कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने में अपनी भलाई समझी।

तुमने तो मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या? आराम आराम से नहीं कर सकते क्या ? या यह कोई रबड़ का खिलौना है कि जैसे मर्जी वैसे तोड़ मरोड़ दिया? वो लगभग रोते हुए बोली। पर मैं बोला- मेरी इसमें क्या गलती है, तुम्हारी बुर है ही इतनी छोटी सी ! मैंने तो अभी अपना सुपारा ही तुम्हारी बुर के अन्दर डाला है, इसमें ही तुम्हारा यह हाल है तो पूरा लन्ड तुम्हारी बुर में जाएगा तो तुम्हारा क्या हाल होगा? और पहली पहली बार है तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा ! थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँ, एक रात में ही सारी जान निकाल दोगे तो बाकी दो चार रातों तक चुदवाने के लायक भी नहीं रहूँगी, फ़िर अपना लन्ड पकड़ कर बैठे रहना ! वो बोली।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए... आआहहह... ऊउम्म्मम म्म्मम... आईईईईईईई - माँम्म्म्म्म्म्माआआ ... ... उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा तो वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी। अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर मेरी साली की हालत दोबारा खराब हो गई थी वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म म्म्मम... आईईईईई -सीईईईसीई..... आआ... निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी मेरी बीवी को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

Saturday 22 March 2014

साली और बीवी के साथ सुहागरात - 1

आज आपको मैं अपनी एक वास्तविक घटना सुना रहा हूँ, आशा है कि आप लोगों को यह पसन्द आएगी। बात उन दिनों की है जब मेरा गौना आया ही था, हमारे यहाँ शादी के बाद दो-तीन साल बाद गौना आता है। मेरी पत्नी के साथ उसकी बड़ी बहन भी आई थी।
मैं यह बता दूँ कि मेरी बीवी पाँच बहनें है तथा उसकी बड़ी बहन और मेरा चक्कर काफ़ी समय से चल रहा था। दिन भर की भागदौड़ के बाद रात में जब सब लोग अपने कमरों में चले गये तो मैं भी अपने कमरे की तरफ़ हो लिया। कमरे में पहुँचकर देखा तो मेरी पत्नी और साली एक ही बिस्तर पर सो रही थी। मैंने अपनी साली को जगा कर उसे दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा परंतु उसने कहा कि वह भी यही सोएगी, मेरी पत्नी भी तब तक जग चुकी थी।

मेरा दिमाग खराब सा हो गया था, मैंने अपनी साली से कहा- यार, आज हमारी सुहागरात है ! क्यों बेकार में कबाब में ह्ड्डी बन रही है? इस पर साली ने कहा- क्यों ? क्या मैं इतनी बेकार हूँ कि यहाँ नहीं रुक सकती? मैंने उससे कहा- मुझे कोई एतराज़ नहीं है परन्तु तुम्हारे रहते तुम्हारी बहन के साथ मैं कुछ कर नहीं पाऊँगा ! इस पर साली ने कहा- क्यों मेरे रहते तुम्हारा लन्ड खड़ा नहीं होगा क्या? दो-दो को देख़ कर गान्ड फ़ट गई, या दोनों को एक साथ झेलने की हिम्मत नहीं है? मैंने कहा- मेरा लन्ड तो कमरे में घुसने से पहले ही खड़ा हो गया था, परन्तु क्या तुम्हारे सामने तुम्हारी बहन का मन कुछ करने को करेगा? और रही बात दोनों को झेलने की तो दोनों को इतना चोदूँगा रात भर कि दोनों की दोनों सुबह उठने लायक नहीं रहोगी।

इस पर मेरी पत्नी बोली- क्यों इसमें क्या बुराई है? हम दोनों को एक दूसरे की सब बात मालूम रहती हैं, हम आपस में कुछ भी नहीं छुपाते, मुझे तुम्हारी और सोनू (मेरी साली का नाम) की भी सब बातें मालूम हैं। अब चौंकने की बारी मेरी थी, मैं वहीं बिस्तर पर बैठ गया और बोला- ठीक है ! जैसी तुम दोनों की मर्जी, मुझे तो फ़ायदा ही फ़ायदा है। फ़िर मैंने अपनी पत्नी को पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। पहले तो वो ना-नुकुर करने लगी, परन्तु सोनू के कहने पर उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में मजा आने लगा था। मैंने उनकी ब्रा उतार दी... वाऊउउउ... उसके चूचियाँ देख कर मैं तो चकित ही रह गया। छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब दबाया और मेरा लंड एकदम से खड़ा और कड़क हो गया था और पजामे का तम्बू बना रहा था। मैं फिर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा और फिर उसके ऊपर चढ़ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी पैन्टी खींच ली और थोड़ी देर उसे देखने लगा। वाह क्या कुंआरी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा सा गुलाबी छेद, मैंने उसकी बुर में अपनी ऊँगली डाल दी, वह जोर से चीख पडी .. आआआहहहहह... और उठ कर बिस्तर से नीचे उतर गई, और बोली- दर्द नहीं होता? मार डालोगे क्या? इस पर सोनू बोली- जीजा जी, मीना (मेरी पत्नी का नाम) अभी कुंआरी है, थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो।

मैंने कहा- यार, अभी तो दोनों बड़ी-बड़ी हांक रही थी कि तुम्हें दोनों मिलकर निचोड़ देंगी, अब क्या हुआ? सोनू ने कहा- निचोड़ेंगी तो जरूर ! पर अपने हिसाब से ! मीना और मैं आज रात तुमको छोड़ने वाली नहीं हैं, पर उसका पहली बार है इस लिए थोड़ा घबरा रही है, एक काम करो पहले मुझे चोद लो ताकि वह चुदाई देख कर अच्छे से गर्म हो जाए और फ़िर वह अपने आप करने को कहेगी। बात मेरे को भी जमी, मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा, मेरी पत्नी वहीं पर सोफ़े पर लेट गई और हमारा खेल देखने लगी। मैंने सोनू की ब्रा उतार दी... यूँ तो मैंने उसकी चूचियों को कई बार देखा था पर आज उसमें जो कड़कपन था वो और दिन के मुकाबले अलग ही था। मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड फ़िर से खड़ा और कड़क हो गया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसके कपड़े खोलने शुरु कर दिए। सारे कपड़े उतारने के बाद मैंने उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरु कर दिया, उसने भी मेरा लन्ड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया। अपनी बीवी को इसी तरफ़ देखता देख मैंने अपनी साली की बुर में ऊँगली करना शुरु कर दिया, और मेरी साली जो अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा- जो भी करना है, जल्दी करो ! पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर फिराने लगी। मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैं भी खड़ा हो गया और उसे पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया। मैं धीरे-धीरे अपना लंड डालने लगा। मेरा लंड सात इंच का है। मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड डाल दिया। उसका मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, बोली- आज क्या हो गया है तुम्हें? मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या? मैंने धीरे-धीरे लगाने शुरु किए... आआआहहहहह... ऊऊउउउम्म्म्म्म म्म्मम...

हम दोनों पहले भी तीन-चार बार चुदाई कर चुके थे परन्तु आज जैसी चुदाई का आनन्द पहले कभी नहीं आया था, काफ़ी देर तक करने के बाद मैंने उससे कहा- सब कुछ मैं ही करुँगा तो तुम क्या करोगी? और मैं उसके ऊपर से हट गया। अब वह मेरे उपर बैठ कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी, पूरा सात ईन्च का लण्ड को सुपारे से टट्टो तक को दबा दबा कर चुदवा रही थी, मेरी बीवी की हालत इस तरह की हो रही थी जैसे किसी मछ्ली को गरम रेत पर छोड दिया गया हो। वह अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा मुंह से अजीब अजीब आवाजें आआआह... ऊऊउउउम्म्म्मम म्म्मम... आईईईईई -सीईईईईसीई..... आआआ.... निकाले जा रही थी।

उसे देख कर मेरी और सोनू की रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई, चुदाई के मारे सोनू का बुरा हाल था, अब उससे रुका नहीं जा रहा था- जीजाजी, मेरा तो बस होने वाला है, मैं गई, मैं गई ! आह्ह्हह्ह .... फ़ा.... ड़........दो.... पूरा डाल डाल कर पेलो ! आज तो बहुत खुजली हो रही है इस बुर में ! सारी खुजली मिटा दो इस बुर की।

तुम अब घोड़ी बन जाओ तो मजा आए ! ठीक है, आज सारी हसरत मिटा लो ! बाद में मत कहना कि तुम्हारी तबियत से नहीं मार पाया। घोड़ी बनाने के बाद मैंने घुटने के बल हो कर उसकी बुर में एक बार फ़िर से अपना लण्ड घुसेड़ दिया, उसने कभी घोड़ी बन कर चुदाई नहीं करवाई थी इसलिए इस अवस्था में उसकी बुर थोड़ी कस गई थी, लण्ड अटक अटक कर जा रहा था, मुझे अब ज्यादा ताकत लगा कर उसकी बुर में डालना पड रहा था, हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी- आईईईईईई सीईईईसीई ..... आआआआ.... चोद डालो जीजा ! आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को ! ऐसी फ़ाडो कि कम से कम हफ़्ते तक इसे चुदवाने की जरुरत ना पड़े । करीब दस-पन्द्रह मिनट के बाद मेरा भी लन्ड झड़ने को हो गया, मैंने सोनू से कहा- बस अब मेरा भी काम होने वाला है ! जीजाज़ी, बाहर मत निकालना ! अन्दर ही छोड़ दो सारा माल ! वो बोली।

आठ-दस धक्कों के बाद लन्ड की पिचकारी छुट पड़ी और सारा का सारा माल उसकी बुर में भरता चला गया। थोड़ी देर हम उसी पोजिशन में रहे, लन्ड अपने आप सुकड़ कर बाहर आ गया। वह उठी और बाथरुम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी। पाँच मिनट बाद वो बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे- जीजाजी, आज तो ऐसी मारी है कि सूज गई है ! बाप रे, अगर मीना की भी ऐसे ही मारोगे तो यह बेचारी तो शायद सुबह उठने लायक नहीं बचेगी। हुँह, अब यह क्या मारेंगे, इनके लन्ड की हालत तो देखो, सूख कर मूंगफ़ली की तरह हो गया है ! मीना मेरे बराबर में लेटकर लन्ड हाथ में लेते हुए बोली। उसके बाद मैंने अपनी बीवी की चुदाई कैसे की, वह अगले भाग में …

Wednesday 19 March 2014

रिया और राखी की चूत मारी 2

तो मैंने लंड रिया की रिया  में से निकल लिया और राखी को सीधा सोफे पर लिटा कर अपने खून से भरे लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया तो फ़च की आवाज के साथ उसकी चीख निकल गई। मैंने तभी दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत से खून की धार निकल के सोफे पर पड़ने लगी। कुछ देर मैं ऐसे रुक उसके बूब्स मसलने लगा तो थोड़ी देर में ही उसका दर्द ठीक हो गया और मैं धक्के लगाने लगा। वो भी जोर जोर से मेरा साथ देने लगी। उसके निप्प्ल भी बुरी तरह से कड़े हो गए थे। मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है।

तभी राखी जोर जोर से धक्के लगाने लगी और फिर कांपती हुई शांत हो गई। मैं भी जोर जोर से धक्के मारता हुआ राखी की चूत में शांत हो गया। फिर हम आधे घंटे तक वहीं सोफे पर पड़े रहे और जब मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चला तो मैंने देखा कि उन दोनों से उठा भी नहीं जा रहा था।

रिया और राखी की चूत मारी 1

मैं भोंदू हूँ। मेरे परिवार में हम चार लोग हैं, मैं, मेरी दो बहनें बड़ी रिया और छोटी राखी और मेरी माँ गीता। मेरे पापा की मौत आज से दो साल पहले हो चुकी थी। मेरी छोटी बहन मुझसे दस माह छोटी और बड़ी बहन एक साल बड़ी है। हम लोगों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। पिछले साल हमने सफारी गाड़ी ली थी जो हमारे गैराज में खड़ी रहती थी। गैराज का एक गेट मेन-गेट की तरफ और दूसरा घर के अन्दर खुलता है। हमारा घर चारों ओर से बंद है जिसकी वजह से कोई हमारे घर में नहीं देख सकता।

एक दिन माँ और बड़ी बहन को एक शादी में जाना था सो वो दोनों सुबह तैयार होकर शाम तक आने का कह कर चली गई। हमारे कॉलेज में भी खेल चल रहे थे इसलिए मैं भी शाम तक आने का कह कर अपने स्पोर्ट्स जूते पहन कर चला गया। कॉलेज में आते ही सबसे पहले हमारा ही मैच था और २ घंटे में ही हमारा मैच ख़त्म हो गया और मैं जूते बदलने के लिए घर आ गया।

जब मैं घर पहुंचा तो जैसे ही मैं घण्टी बजाने को था कि मुझे एक आह की आवाज़ सुनी जो गैराज में से आ रही थी। मैं बिना घण्टी बजाये अन्दर आ गया और गैराज की तरफ देखा तो अन्दर वाला गेट खुला था और गाड़ी खड़ी थी। जैसे ही मैं और आगे गया, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। राखी अपनी सलवार कमीज उतारे सिर्फ ब्रा और पेंटी में ही हैंड ब्रे़क के सिरे पर बैठी थी जो उसकी चूत के अन्दर था। मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था और वो भी रिया , अपनी बहन को !
मेरा लंड खड़ा हो गया। राखी उसके ऊपर नीचे हो रही थी जिससे कभी वो उसकी चूत में जाता और कभी बाहर निकलता। तभी घण्टी बजी और मैं अपने कमरे की तरफ चला गया। राखी गाड़ी में से बाहर आई, पूछने लगी- कौन है?

तभी बाहर से आवाज आई- मैं रिया हूँ।

राखी वैसे ही ब्रा पेंटी में ही गेट खोलने चली गई। जैसे ही रिया अन्दर आई, राखी उससे लिपट गई और उसके होठो को चूमना शुरू कर दिया तो रिया बोली- यह क्या कर रही है तू ?

तो राखी ने कहा- वही जो रोज रात को करते हैं राहुल के सोने के बाद।

रिया कहने लगी- वो तो रात को करते हैं दिन में तो नहीं।

राखी- क्यों दिन में क्या होता है, आज तो घर पर कोई नहीं है, माँ भी शाम को आएगी और भोंदू भी अभी नहीं आएगा, आज तो अभी करेंगे।

और वो रिया के स्तन दबाने लगी, जिससे उसे भी मस्ती चढ़ गई और वो भी उसे चूमने लगी। मुझे पता नहीं था कि वो दोनों रात एक दूसरी की प्यास बुझाती हैं मेरे सोने के बाद ! क्यूंकि हम तीनों एक ही कमरे में सोते हैं।

रिया - यार ! काश कोई लड़का हमारे साथ होता तो कितना मजा आता !

राखी- अरे कोई लड़का क्यों ? हमारा भोंदू ही क्यों नहीं?

आभा - अरे वो तो हमारा भाई है ! वो हमें थोड़े ही चोदेगा !

राखी- क्यों नहीं चोदेगा ? क्या उसका लंड नहीं है ? मैंने कई बार देखा है उसका बाथरूम में से ! बहुत बड़ा है !
मैं उनकी बातें सुन कर धीरे से बाथरूम की तरफ चल पड़ा क्योंकि मुझ से अब रहा नहीं जा रहा था जैसे ही मैं बाथरूम में पंहुचा, राखी रिया से बोली- चल बाथरूम में चलते हैं, साथ नहायेंगे !
यह सुनते ही मैं बाथरूम में परदे के पीछे छुप गया और वो दोनों वहाँ आ गई, दोनों नंगी थी और एकदम गोरी चिकनी !

वो दोनों टब में बैठ गई और एक दूसरे की चूत को मसलने लग गई, कभी स्तन मसलती कभी चूत में ऊँगली करती !

राखी- अगर भोंदू भी हमारे साथ मिल जाये तो हमें न तो देर रात तक जागना पड़ेगा और हमारे लंड लेने की भी जरुरत पूरी हो जायेगी। मैं तो उसे पटाने के लिए आज रात से ही कोशिश शुरू कर दूंगी। कभी नींद के बहाने उसके ऊपर हाथ रखूंगी कभी टांग, कभी उसके लंड पर हाथ रखूंगी।

रिया - तो फिर मैं भी उसे पटाने की पूरी कोशिश करुँगी पूरी रात और दिन में भी, पर ध्यान रखना कहीं माँ को पता न चल जाये। अरे यह क्या कर रही है तू? जरा जोर से उंगली डाल चूत के अन्दर पूरी डाल दे ! आह ! बहुत मजा आ रहा है ! ओ भोंदू ! मैं झड़ने वाली हूँ ! आह ! जल्दी कर !

राखी- और कैसे करूँ? पूरी तो दे दी है ! अब तो भोंदू ही दे सकता है आगे ! मेरी चूत में भी पूरी डाल दे ! आह मेरा भी निकलने वाला है ! आह ! आह ! ऊउऊ डाल दे पूरी ! दो डाल दे !

मेरा भी अपने आप ही निकलने वाला हो गया था उनकी मस्त चूत देख कर और बातें सुन कर !

कुछ देर में वो दोनों चली गई और टीवी देखने लग गई। मैं भी अपना माल निकाल कर अपने कमरे में आ गया और सो गया। मुझे सपने में भी उनकी बातें सुन रही थी। मैं कुछ देर बाद बाहर चला आया और उन दोनों के बीच में बैठ गया। मेरी टाँगें उन दोनों की टांगो के साथ लग गई और मैंने रिया से रिमोट माँगा तो उसने पूछा-भोंदू तुम कब आये?

मैंने उससे कहा- मुझे आये हुए एक घंटा हो गया !

तो उन दोनों का चेहरा शर्म से लाल हो गया।

रिया - तो अब तक कहाँ थे?

मैंने कहा- अपने कमरे में सो रहा था !

मैंने उससे दुबारा रिमोट माँगा तो वो बोली- मेरा सीरियल आ रहा है !
तो मैंने उसे छूने के लिए उसके हाथ से रिमोट छीनना चाहा पर वो थोड़ा पीछे हट गई और मेरे हाथ उसके वक्ष पर लग गए। उसने मेरी तरफ तिरछी नजर से देखा तो मैंने अपने हाथ हटा लिए और ऐसे दिखाया कि जैसे मुझे कुछ पता ही न हो।और दोबारा उठ कर उसकी तरफ बढ़ा तो वो और पीछे सरक गई। जब मैंने उस पर झपटी मारी तो उसने रिमोट राखी की तरफ फ़ेंक दिया। जैसे ही में उसके ऊपर गिरा तो उसने हटने की कोई कोशिश नहीं की और मैं उसके ऊपर गिर गया। मुझे समझ में आ गया कि वो मुझे पटाना चाहती है इसलिए मैं भी उसके ऊपर से हटा नहीं तो उसने मुझे थोड़ा सा धक्का दिया जिससे मैं उसे पकड़े हुए उसके साथ ही गिर गया। वो मेरे ऊपर थी जिससे उसके स्तन मेरे सीने से टकरा रहे थे। उसने अब भी उठने की कोई कोशिश नहीं की। मैंने उसे उठाने के बहाने उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और उसे अपने ऊपर से उठा दिया।

वाह क्या नरम गरम स्तन थे !
और खुद भी उठ कर बैठ गया।
राखी ने रिमोट अपने टॉप के नीचे ब्रा में छुपा रखा था। मैंने जब राखी से रिमोट माँगा तो उसने कहा- मेरे पास रिमोट नहीं है !
तो मैंने उससे कहा- मुझे पता है कि रिमोट कहाँ है, तू मुझे अपने आप दे दे, वरना मैं छीन लूँगा।
उसने कहा- मेरे पास नहीं है ! अगर है तो तुम छीन लो !
और अपने दोनों हाथ हवा में उठा दिए, जिससे मुझे रिमोट उसके टॉप में साफ दिख गया। मैंने भी उसके स्तन छूने थे इसलिए उससे दोबारा रिमोट नहीं माँगा और सीधा उसके पास आकर उसके टॉप में हाथ डाल दिया। राखी ने मेरी तरफ देखा पर कहा कुछ नहीं ! बस थोड़ा सी पीछे हट गई। मैंने अपना हाथ उसके टॉप के और अन्दर तक डाल दिया और मेरे हाथ उसके स्तनों पर लगे। जैसे ही मेरे हाथ उसके बूब्स पर लगे, रिया ने पीछे से मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर गिर गई जिससे राखी मेरे नीचे और आभा मेरे ऊपर और मेरा हाथ राखी के टॉप के अन्दर था, जिसे रिया ने रिमोट पकड़ने के बहाने ऊपर से पकड़ लिया और मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दब गया।
रिया ने मेरा हाथ ढीला छोड़ कर दोबारा उसके बूब्स पर दबा दिया जिससे राखी के मुँह से सिसकारी निकल गई। जब मैंने दोबारा रिमोट पकड़ कर हाथ बाहर निकलना चाहा तो रिया ने एकदम मेरा हाथ राखी के बूब्स पर दबा कर और साथ ही उसके टॉप को पकड़ कर बाहर खींचा तो राखी का टॉप ऊपर से फट गया और उसके बूब्स बाहर आ गए।
वो तो आँखें बंद करके लेटी थी इसलिए उसे पता नहीं चला और न ही रिया ने उसे बताया उसके बूब्स मेरे सामने थे।
और मैंने उन्हें देखते हुए रिया की तरफ देखा तो उसने आँखों के इशारे से पूछा- क्या देख रहे हो?
तो मैंने राखी के बूब्स की तरफ हाथ कर दिया तो रिया ने राखी के एक बोबे को पकड़ कर मसल दिया जिससे उसके मुँह से आह निकल गई। रिया ने राखी के टॉप को पकड़ कर पूरा फाड़ दिया तो उसने आँखे खोली और उठ कर खड़ी हो गई जिससे उसका फटा टॉप नीचे गिर गया और बूब्स बाहर निकल आये।
उसने हमसे पूछा- टॉप किसने फाड़ा?
आभा ने मेरा नाम ले लिया। राखी अपने नंगे बूब्स में ही मेरे पीछे भागी।
मैंने उससे कहा- मैंने नहीं,रिया ने यह सब किया है।
राखी- बूब्स तो तुम ही मसल रहे थे, तो रिया ने कैसे किया है? सीधे क्यों नहीं कहते कि तुम्हें मजा आने लगा था और तुमने मेरे बूब्स देखने और चूसने के लिए मेरा टॉप फाड़ दिया। मुझसे कह देते तो मैं उतार देती, पर फाड़ क्यों दिया ? मेरा नया टॉप था !

रिया - हाँ राखी ! भोंदू ने ही तुम्हारे बूब्स मसलने के लिए तुम्हारा टॉप फाड़ दिया। तुम मुझ से कह देते तो मैं अपना टॉप उतार देती ! तुम्हारे लिए क्या हम अपने कपड़े भी नहीं उतार सकते ! क्या तुमसे अपने बूब्स नहीं मसलवा सकते ! जिन्हें आज नहीं तो कल कोई और मसलेगा !

और यह कहते हुए रिया ने भी अपना टॉप उतार दिया और अपने बूब्स मेरी तरफ कर के खड़ी हो कर बोली- लो तुम्हें मसलना है तो मसलो ! चूसना है तो चूसो ! पर मैं अपना टॉप नहीं फड़वाना चाहती !

राखी मेरे पास आकर बोली- डरो नहीं ! माँ शाम से पहले नहीं आएगी ! और अपना एक बूब मेरे हाथ से लगा दिया।

उन दोनों के बूब्स देख कर मैंने अपने लंड पर हाथ लगाया जो अब पैन्ट फाड़ने के लिए तैयार था।
रिया - नहीं उसे हाथ मत लगाओ उसे हम हाथ लगायेंगे।

मैंने राखी के बूब्स मसलते हुए कहा- हाथ लगाना है तो लगाओ ! मुझे भी अपनी पैन्ट नहीं फ़ाड़नी !
और फिर वो दोनों हंस पड़ी। राखी ने आकर मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने लगी। मैं भी अपना लंड आगे निकल के राखी के बूब्स चूस रहा था। राखी ने मेरी शर्ट उतार दी, मेरे होंठों से अपने होंठ लगा के चूसने लगी। मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। रिया मेरा लंड छोड़ कर मुझे सोफे की तरफ खींचने लगी और हम तीनों सोफे पर आ गए। मैं राखी के होंठों और बूब्स को चूस रहा था और आभा मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी। पर लंड उसकी नई चूत होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था।

मैंने राखी को हटा कर रिया की चूत पर अपना हाथ रख के उसे सीधे लेटने के लिए कहा तो वो सीधी लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा तो लंड की टोपी उसकी चूत में चली गई और उसकी जोर से चीख निकल गई। रिया पीछे हटने लगी तो मैंने आगे से उसे पकड़ते हुए राखी से रिया को पकड़ने के लिए कहा तो उसने पीछे आकर उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स मसलने लगी। कुछ देर बाद मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो लंड आधा चूत में चला गया। पर इस बार रिया की चूत में से खून निकल आया और उसके आंसू भी निकल गए।

रिया के आंसू और खून देख कर राखी भी घबरा गई पर मैंने उसे समझाया- पहली बार ऐसा होता है !
और मैंने एक दो धक्कों में अपने पूरा लंड रिया की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर रुक कर धक्के लगाने लगा तो आभा भी मस्त हो गई और मेरा साथ देने के लिए नीचे से अपनी गांड उछालने लगी। जब मैंने जोर जोर से आभा की चूत में धक्के लगाये तो वो अपने परम आनन्द पर पहुंच गई और निढाल हो गई।

फिर राखी ने मुझ से कहा- अब इसे छोड़ दो और मेरी चूत में डालो !
और फिर वो दोनों हंस पड़ी। राखी ने आकर मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और चूसने लगी। मैं भी अपना लंड आगे निकल के राखी के बूब्स चूस रहा था। राखी ने मेरी शर्ट उतार दी, मेरे होंठों से अपने होंठ लगा के चूसने लगी। मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। रिया मेरा लंड छोड़ कर मुझे सोफे की तरफ खींचने लगी और हम तीनों सोफे पर आ गए। मैं राखी के होंठों और बूब्स को चूस रहा था और आभा मेरे लण्ड को थोड़ी देर चूसने के बाद मेरे लंड के ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी। पर लंड उसकी नई चूत होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था।

मैंने राखी को हटा कर रिया की चूत पर अपना हाथ रख के उसे सीधे लेटने के लिए कहा तो वो सीधी लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा तो लंड की टोपी उसकी चूत में चली गई और उसकी जोर से चीख निकल गई। रिया पीछे हटने लगी तो मैंने आगे से उसे पकड़ते हुए राखी से रिया को पकड़ने के लिए कहा तो उसने पीछे आकर उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स मसलने लगी। कुछ देर बाद मैंने जब दूसरा धक्का मारा तो लंड आधा चूत में चला गया। पर इस बार रिया की चूत में से खून निकल आया और उसके आंसू भी निकल गए।

रिया के आंसू और खून देख कर राखी भी घबरा गई पर मैंने उसे समझाया- पहली बार ऐसा होता है !
और मैंने एक दो धक्कों में अपने पूरा लंड रिया की चूत में डाल दिया और थोड़ी देर रुक कर धक्के लगाने लगा तो आभा भी मस्त हो गई और मेरा साथ देने के लिए नीचे से अपनी गांड उछालने लगी। जब मैंने जोर जोर से आभा की चूत में धक्के लगाये तो वो अपने परम आनन्द पर पहुंच गई और निढाल हो गई।

फिर राखी ने मुझ से कहा- अब इसे छोड़ दो और मेरी चूत में डालो !

_तो मैंने लंड रिया की रिया  में से निकल लिया और राखी को सीधा सोफे पर लिटा कर अपने खून से भरे लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाया तो फ़च की आवाज के साथ उसकी चीख निकल गई। मैंने तभी दूसरा धक्का भी लगा दिया और उसकी चूत से खून की धार निकल के सोफे पर पड़ने लगी। कुछ देर मैं ऐसे रुक उसके बूब्स मसलने लगा तो 

थोड़ी देर में ही उसका दर्द ठीक हो गया और मैं धक्के लगाने लगा। वो भी जोर जोर से मेरा साथ देने लगी। उसके निप्प्ल भी बुरी तरह से कड़े हो गए थे। मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है।

तभी राखी जोर जोर से धक्के लगाने लगी और फिर कांपती हुई शांत हो गई। मैं भी जोर जोर से धक्के मारता हुआ राखी की चूत में शांत हो गया। फिर हम आधे घंटे तक वहीं सोफे पर पड़े रहे और जब मैं उठ कर बाथरूम की तरफ चला तो मैंने देखा कि उन दोनों से उठा भी नहीं जा रहा था।

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