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Thursday 23 April 2015

Friday 17 April 2015

sex in naukar,

मैं कोई बहुत पुरानी रीडर तो नहीं हु. लेकिन, कुछ ही समय में मैंने यहाँ पर काफी कहानिया पड़ी है और यकीन मानिये, हर बार, मेरी बुर गीली हुई है. कहानी पढ़ते समय हर बार, मुझे लगता है, कि कहीं ना कहीं ये मेरी लाइफ से भी जुडी हुई है. इसलिए हिम्मत करके, मैं आपसे अपनी पहली चुदाई की कहानी शेयर कर रही हु. मेरा नाम रीमा है और मैं बिहार से हु. ये कहानी तब की है, जब मैं तब १८ साल की थी. मेरी मम्मी एक टीचर थी और पापा भागलपुर में पहले से ही जॉब करते थे. सो मैं पटना में अकेले रह गयी थी. मैं तब बीसीऐ कर रही थी. मैंने कॉलेज का हॉस्टल ले रखा था. हॉस्टल में बहुत ही स्ट्रिक्ट रूल थे. मोबाइल फ़ोन भी नहीं रखने देते थे. बाहर जाना वीक में सिर्फ एक बार ही पस्सिब्ल था. मैं तो वहां न्यू थी, ना किसी को जयादा अच्छे से नहीं जानती थी. ना ही कोई बॉयफ्रेंड था. धीरे – धीरे मैंने देखा, कि सब हॉस्टल वाली लडकिया अपने बॉयफ्रेंड से काम करवाती है, मिलने जाती है. मेरा भी बहुत मन होता था, कि काश मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड होता.
पर मैं बिलकुल अनजान थी उस जगह से. काफी दिक्कत आती, जब काम रहता. हमारे हॉस्टल का मेस बिलकुल हॉस्टल से सटा हुआ है. एकदिन मैं क्लास अटेंड करके मेस की तरफ आ रही थी. गर्मी के दिन थे. मैं पसीना – पसीना हो चुकी थी. मेरे कपड़े पसीने से गीले हो चुके थे और गीले कपड़ो की वजह से, मेरी चुचिया मेरे कपड़ो से साफ़ झलक रही थी. मैंने देखा, कि किचन से कोई मुझे घुर रहा है. मैंने भी अन्दर झांक कर देखा, कि एक न्यू नौकर आया है. वो लगभग २४- २५ साल का था. उसका काला सा चेहरा मुझसे लम्बा था. वो मुझे अब भी घुर रहा था. मैं वहां से चली गयी. फिर धीरे – धीरे नोटिस किया, कि मुझे हमेशा ही घूरता रहता था. बहुत गुस्सा आता था. पर सच कहू, पहली बार कोई घुर रहा था. तो इसलिए बहुत अच्छा भी लगता था. फिर मुझे एकदिन पैड्स (स्टेफ्री) की जरूरत थी और मेरे पास मेरे बेग में एक भी नहीं बचा था. मैं क्या करू… रूममेट भी बाहर गयी थी, तो सोचा, कि उस नौकर को ही बोलू.
मैंने बहुत हिम्मत करके उसको बोला. वो दौड़ता हुआ गया और लाकर मुझे दे दिया. फिर तो मुझे कुछ भी काम होता था, तो उसको हो कहती थी. वो एक बार में कर देता था. वो मुझे अच्छा लगने लगा. वप मेरे आजू – बाजू ही घूमता रहता था. हॉस्टल में मेरे लिए अलग मस्त खाना बनाता था. एकदिन कॉलेज में फंशन था. मैंने फंशन में डांस किया था और आते – आते इतना थक गयी, सोकर उठी.. तो रात के ११ बजे थे. मुझे बहुत भूख लगी थी. मैंने सोचा, कि उसको ही बोलती हु. मैं जैसे ही उसके रूम में जाकर उसको उठाने के लिए एंटर हुई, तो पाया कि वो सिर्फ अंडरवियर ही पहनकर सोया हुआ था. उसका अंडरवियर कुछ उठा सा हुआ था. मैं उसे देखकर हैरान थी और मेरे जिस्म में उसके अंडरवियर के उठे हुए भाग को देखकर गुद्गुद्दी सी होने लगी थी. मेरा भी मन कर रहा था, कि उसके अंडरवियर को हटाकर देख लू, कि वो उठी हुई चीज़ क्या है? पर मैंने अपने आप पर काबू करते हुए, उसको आवाज़ देकर उठाया. वो इतनी रात को मुझे देखकर चौक गया.
मैंने बोला, कि मुझे भूख लगी है. सुबह से एक बार ही खाना खाया है. तो वो बोला – मैडम सो गयी होगी आप. आप किचन में जाओ, मैं आ रहा हु. मैं किचन की तरफ गयी, वो आया. उसने रोटी – सब्जी बनायीं. मैं भी उसकी हेल्प कर रही थी. बीच – बीच में उसका हाथ, मेरी चूची को टच हो रहा था. मुझे शर्म आ रही थी और मैं हलके – हलके स्माइल भी कर रही थी. उसने उसको ग्रीन सिग्नल समझा. ११ बजे फंशन की रात, कोई भी नहीं जाग रहा था हॉस्टल में. तो हमें कोई डिस्टरब नहीं करने वाला था. उसने मुझे “आई लव यू” कहा. मैं कुछ भी नहीं बोली. उसने मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और मुझे लिप किस करने लगा. पता नहीं कब तक उसने मेरे होठो को चूसा! ये मेरा पहला किस था. उसका हाथ मेरी कमर के पीछे था और वो अपना हाथ मेरी पीठ पर घुमा रहा था. उसने मेरे मुह में अपनी जीभ घुसा दी थी. मुझे नीचे से उसका लंड चुभ रहा था. मैं बिलकुल सोची भी नहीं, कि ये हॉस्टल है और ये नौकर है. मैं उसके साथ किस पर किस किये जा रही थी. तभी किसी के आने की आहट आई. हम दोनों जल्दी से अलग हो गये. मैं अपने रूम में खाना लेकर आ गयी. वहां आकर देखा, कि मेरी रूममेट सोई थी.
दिल को तस्सली हुई. खाना खाकर मैं सो गयी. उसदिन के बाद लाइफ ही चेंज हो गयी. वो हॉस्टल में बात तक नहीं करता था, ताकि किसी को पता ना चले. हर वीक में हम जू जाते थे और बहुत मज़ा करते थे. एक मंथ में मुझे मेरी ब्रा छोटी लगने लगी. वो जू में, मुझे काफी किस करता था और खूब बूब्स प्रेस भी करता था. एकदिन, उसने पूछा – तुम्हारी बुर कैसे रंग की है. मैं एक प्यार वाला थप्पड़ दी. उसने मुझे उठाया और कहा – भीड़ बहुत है आज जू में. हम दोनों भीड़ के साथ गुथम-गुथा होते हुए चले जा रहे थे. भीड़ में मौका का फायदा उठाकर उसने मेरी गांड दबा दी और कभी कमर से कमर को धक्का मार देता. बहुत मज़ा आ रहा था. हम लोग प्यार में डूबे थे, पर हॉस्टल में किसी को नहीं पता था. मेरी रूममेट अपने बॉयफ्रेंड से छुपकर फ़ोन पर बात करती थी. उसने मुझे भी एक फ़ोन लाकर दिया. हम रोज़ रात को फ़ोन सेक्स करने लगे. अभी तक रियल सेक्स नहीं हो पाया था. होली की छुट्टी आने वाली थी. सब घर जा रहे थे. मैं उदास थी, क्योंकि मम्मी की तबियत ख़राब थी और वो भागलपुर से नहीं आ सकती थी. तो मैं अकेले होली मनाती. मैं अकेले ही पुरे हॉस्टल में रुकी थी.
होली की सुबह १२ बजे उठी. मैं टॉयलेट में आ रही थी, तो पता नहीं वो कहाँ से आया. मैं थोड़ा डर गयी. उसने मुझे टॉयलेट में घुसाकर किस किया. मैंने भी किस कर रही थी. वो मुझे अपनी गोदी में उठाकर रूम में ले गया. उसने मेरा टॉवल खीचकर उतार दिया और मैं पूरी नंगी हो गयी थी. क्योंकि मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. मैं शरमाने लगी थी और अपने आप को अपने हाथ से ढकने की कोशिश करने लगी थी. वो बोला – आपकी बुर भी आपके शरीर की तरह गोरी है. वो हाथ और गालो पर रंग लगा था. वो अपने गालो को मेरे गालो से रगड़कर मुझे रंग लगा रहा था. उसके हाथ मेरी चूची को आटे की तरह मल रहे थे. उसने पहले भी एकबार जू के सिनेमा हॉल में, मेरी बुर में ऊँगली की थी. पर मुझे न्यूड पहली बार देख रहा था. उसने मेरी चूत को प्यार से दबाया और रंगा. मैं पूरी लाल हो गयी थी. उसने ऊँगली भी करनी शुरू कर दी. मैं तड़प रही थी, कि तभी आहट आई और मैं टॉयलेट में भाग गयी. वो चले गया. फिर मैं रात में टॉप – स्कर्ट में सोई थी. गेट पर दस्तक हुई. खोला, तो वो अन्दर आ गया. गेट लॉक किया. मैंने बोला – इतनी रात को, क्यों? उसने मुझे गोदी में बिठाया और हाथ घुसाकर मेरी चूची दबाई, कानो को किस किया और बोला – आज होली पूरी नहीं हुई थी. मेरी टॉप फाड़ दी और ब्रा भी फाड़ दी. मैं इस तरह के लिए रेडी नहीं थी.
उसने पूरा न्यूड किया. मैं भी उसपर चढ़ गयी और उसको न्यूड कर दिया. उसका लंड काफी बार मुह में ले चुकी थी सिनेमा हॉल में. हमने किस किया. आज तो मेरी चूची की जान चली गयी थी. उसने मेरी बुर चाटी पहली बार. मैं तो निकल गयी थी. उसने अपना मोटा लंड सटाकर रगडा और जोरका धक्का दिया. मुझे लगा, कोई गरम रोड घुसा दिया. मैं चिल्लाई, पर कौन सुनता. कोई रहम नहीं दिखाया उसने और मुझे चोद दिया. वो मेरा पहला सेक्स था, जोकि मैं आज तक नहीं भूली हु. तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली स्टोरी आप सबको. मुझे जरुर बताना. मुझे आप अपने लंड का साइज़ भी बताना. मुझे बड़े लंड को अपनी बुर में लेना बहुत पसंद है. मुझे आप सबके कमेंट का इंतज़ार रहेगा…

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