- मेरी सास ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मुझे एक टन टनाता हुआ लण्ड दिखाते हुए पूंछा :- ये लण्ड पहचानती हो बहू ? बताओ ये किसका लण्ड है ?
- मैंने कहा :- हां बिलकुल पहचानती हूँ लण्ड ? यह मेरे ससुर के दोस्त ख़य्याम अंकल का लण्ड है सासू जी ? इस भोसड़ी वाले लण्ड की तो मैं नस नस पहचानती हूँ ? ८" का मोटा तगड़ा लण्ड जिसकी बुर में जाता उसे पूरा ज़न्नत का मज़ा देता है बहन चोद ? तेरे भोसड़ा का बड़ा दीवाना है इसका लौड़ा, सासू जी ? तू भी तो बड़े मजे से चुदवाती है इससे ?
- हाय दईया, तूने तो कभी इसे देखा भी नहीं ? कभी इसे पकड़ा भी नहीं फिर भी तूने कैसे पहचान लिया लण्ड बहू रानी ? ये तो बड़ी हैरानी की बात है ?
- अरे सासू जी, मैंने इसे देखा भी है, पकड़ा भी और इसे अपनी चूत में पेला भी है ? ये लौड़ा बड़ा मस्त और जबरदस्त है ? तू तो इसे पहली बार ही पकड़ कर लट्टू हो गयी थी। अपना दिल दे बैठी थी तू इस मादर चोद लण्ड को ? ये लण्ड तो तूने अपनी बेटी को भी पकड़ाया है सासू जी ? जिस दिन तू अपनी बेटी के ससुर का लण्ड चूस रही थी उसी दिन तेरे सामने ही तेरी बेटी इसका लण्ड चूस रही थी। मेरी बुर चोदी नन्द भी खूब मजे से पीती है ख़य्याम अंकल का लण्ड, सासू जी।
- अरे बहू, तुझे इतनी सारी बातें कैसे मालूम हो गयीं ? तेरी हर बात सही है पर तुझे मालूम कैसे हुआ मेरी भोसड़ी की बहू रानी ?
- तुम मुझे पहले लौड़ा पकड़ाओ तो मैं तुम्हे सारा किस्सा सुनाती हूँ।
- ले भोसड़ी की पकड़ लौड़ा और सुना अपना किस्सा मुझे ?
दोस्तों, मेरा नाम है हिना, मेरी सासू है मिसेज मुमताज़ लेकिन लोग इन्हे मुम्मु कहते है, मेरी ननद है निदा जिसकी शादी हो चुकी है, मेरा ससुर वसीम और मेरा अब्बा है कासिम। मेरे ससुर के दोस्त ख़य्याम से तो आप मिल ही चुके है।
हां तो मैं बता रही थी उस दिन सासू के जाने के बाद रात को १० बजे ख़य्याम अंकल आ गया । मैं उसे जानती तो थी की वह मेरे ससुर का दोस्त है पर और नजदीक से नहीं जानती थी। मैंने उसे आदाब बोला और फिर कमरे में बैठा कर उससे बातें करने लगी । उसने कहा बहू मैं खाना खाऊंगा, मैंने कहा हीक है मैं खाना लगा देती हूँ आप खा लीजिये। वह बोला नहीं बहू पहले अगर हो तो मुझे दो पैग व्हिस्की पिला दो ? मैंने कहा हां अभी पिला देती हूँ। मैंने एक पैग बना कर उसके सामने रख दिया। वह बोला क्या तुम साथ नहीं दोगी, बहू ? मैंने कहा अगर आप इज़ाज़त दें तो जरूर दूँगी। बस फिर हम दोनों शराब पीने लगे। बातें होने लगी एक पैग खत्म हो गया तो दूसरा चालू हो गया। मैं बीच बीच में उसे अपनी चूंचियां दिखा देती थी। उसकी नज़रें वहीँ टिक जाती थी। मैं समझ गयी की लण्ड में हरकत हो रही है।
- वह बोला :- हिना बहू, मैं वास्तव में मुम्मु भाभी से मिलने आया हूँ। वह कहीं दिखाई नहीं पड़ रही है ?
- मैंने कहा :- वो तो नहीं है अंकल ? अपनी सहेली की पार्टी में गयी है ?
- तो कब तक आ जाएँगी वो ? मैं इंतज़ार कर लेता हूँ ?
- आज रात को तो नहीं आएँगी हां कल जरूर आ सकती है।
- अरे यार, मैं तो बड़ी उम्मीद से आया था की भाभी से मुलाक़ात हो जाएगी तो रात अच्छी कट जाएगी ? अब रात कैसे गुज़ारूँगा मैं ?
- क्या तू अपनी भाभी के साथ रात गुज़ारता है, अंकल ?
- क्या करूँ बहू, मुम्मु भाभी है ही इतनी अच्छी की उसके साथ रात गुज़ारने में मुझे बहुत मज़ा आता है।
- तो रात भर उसके साथ क्या करते हो भोसड़ी के तुम ? (मैं थोड़ा खुल कर बोली )
- वही करता हूँ हिना, जो एक आदमी रात को एक औरत के साथ करता है ?
- तो तुम बड़े हरामी हो अंकल ? बड़े मादर चोद हो तुम मेरी सासू को फंसा रखा है तूने बहन चोद ?
- अरे नहीं बहू, सच तो यह है की उसने मुझे फंसा रखा है ?
वह बोला हां हां हिना यही लौड़ा पेलता हूँ मैं तेरी सास के भोसड़ा में और आज यही लौड़ा मैं पेलूँगा तेरी बुर में ?
वह हाथ बढाकर मेरी बुर सहलाने लगा। मैं तो बिलकुल वासना में खो गयी। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और मैं लण्ड चूसने लगी। उसका आम की तरह सुपाड़ा मैं बार बार मुंह से निकाल रही थी और फिर मुंह में डाल रही थी। उधर मेरी बुर चोदी बुर भठ्ठी हो गयी थी । तब मैंने पेल लिया अपनी बुर में लण्ड और धकाधक चुदवाने लगी। बहुत दिनों के बाद इतना बढ़िया लौड़ा मिला था सासू जी, तो मैंने उसका पूरा मज़ा लेने किये कोई कसर उठा नहीं रखी ? जैसे अब मैं तेरे सामने ख़य्याम अंकल से चुदा रही हूँ सासू जी, वैसे ही मैंने उस दिन भी चुदवाया था ? तब अंकल ने बताया की मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदता हूँ। उसकी बेटी की बुर चोदता हूँ। तेरी सास तो पहली बार में ही लत्तो हो गयी थी मेरे लण्ड पर। मैं तो कभी कभी दोनों को एक साथ चोदता हूँ। उसकी बेटी निदा तेरी नन्द है न हिना ? वह भी बड़ी मस्ती से चुदवाती है। लण्ड की बड़ी शौक़ीन है बुर चोदी निदा ? एक दिन तो ऐसा हुआ की निदा मेरा लण्ड चूस रही थी और उसकी माँ निदा के ससुर का लण्ड चूस रही थी।
मैंने कहा :- हां भोसड़ी के अंकल मैंने उस दिन का सीन देखा है ?
अंकल बोला :- हिना बहू और एक बात तुमको बता दूँ की तेरा ससुर मेरी बीवी चोदता है और मेरी बेटी भी चोदता है। तेरे ससुर का लण्ड तो मेरे लण्ड से बड़ा है हिना। किसी दिन पकड़ कर देखना मज़ा आ जायेगा तुम्हे ? इतने में मैं खलास होने लगी और अंकल भी बोला अरे हिना अब मैं निकलने वाला हूँ। तब मेरी सास लौड़ा मेरी बुर से निकाल कर उसका मुठ्ठ मारने लगी। हम दोनों ने झड़ता हुआ लण्ड चाटा और खूब मज़ा लिया। मेरी सास को मालूम हो गया की मैं ख़य्याम अंकल का लण्ड कैसे जानती हूँ ?
मैं सोंचने लगी की मैंने आजतक अपने ससुर का लौड़ा तो पकड़ा ही नहीं ? जबसे ख़य्याम अंकल ने कहा की तेरे ससुर का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा है तबसे मेरी चूत में आग लगी हुई है। मैं जल्दी से जल्दी अपने ससुर से चुदवाना चाहती हूँ। लेकिन वह तो साला विदेश में रहता है। अब वह जब भी आएगा मैं उसे नंगा कर दूँगी भोसड़ी वाले को और लपक कर पकड़ लूंगी उसका लण्ड ?
एक दिन निदा अपनी ससुराल से आ गयी और मेरे पास आकर बोली :- हाय हिना भाभी सुना है की तुझे लण्ड की बड़ी पहचान है ? तू जो भी लण्ड एक बार देख लेती है उसे कभी भूलती नहीं और कहीं भी उसे पहचान लेती है ?
मैंने कहा :- हां निदा, जो लण्ड से प्यार करती है वे लण्ड को पहचान लेती है। मेरी आँखों के सामने कोई खड़ा लण्ड एक बार आ जाये तो दुबारा मैं उसे पहचान लूंगी। और एक बार अगर लण्ड पकड़ लूँ तो वह लण्ड अँधेरे में भी मेरे हाथ में आ जाये तो मैं उसे पकड़ कर पहचान लूंगी ?
निदा बोली :- इसका मतलब की तेरी आँखों में लण्ड बस जातें है और तेरे हाथ को लण्ड याद हो जाते है ?
मैंने कहा :- हां तुम इसे कैसे भी कह सकती हो लेकिन सच यह है की मैं हर एक लण्ड से बेपनाह मोहब्बत करती हूँ ?
इतने में निदा अंदर गयी और थोड़ी देर में अपने सारे कपडे उतार कर एकदम नंगी नंगी मेरे कमरे में एक आदमी का लण्ड पकडे हुए आ गयी। उसके मुंह के ऊपर एक चुन्नी उढ़ा रखी थी उसने ? आकर मुझसे बोली भाभी लो पकड़ो इस लौड़े को और बताओ की यह किसका लण्ड है ? तुमने अगर इस लण्ड को पहचान लिया तो मैं तेरे मन के दो लण्ड लाकर तुझे इनाम में दूँगी और अगर नहीं पहचाना तो मैं सबके सामने मारूंगी तेरी गांड ?
मैंने देखते ही कहा :- अरी मेरी बुर चोदी नन्द ? भोसड़ी वाली तू अपने ससुर का लण्ड लाकर मुझे दिखा रही है माँ की लौड़ी ? इस लण्ड को तो मैंने तेरी माँ को चूसते हुए देखा है। उस दिन तू मादर चोद ख़य्याम का लौड़ा चूस रही थी और तेरी माँ तेरे ससुर का लौड़ा यानी इसका लौड़ा चूस रही थी। हालांकि मैंने इसे पकड़ा नहीं था सिर्फ दूर से देखा ही था ?
नन्द बोली :- हाय अल्ला, बड़ी तेज हो भाभी तुम ? ये बहन चोद मेरे ससुर का ही लण्ड है और मेरी अम्मी इसे बहुत चाहती है। जब भी मौक़ा मिलता है तो अम्मी इसे अपने भोसड़ा में जरूर पेलती है ? भाभी अब मैं तुम्हे दो लण्ड तेरे मन के लाकर दूँगी। और दोनों अपने सामने तेरी चूत में पेलूँगी ? लेकिन आज तुम मेरे सामने मेरे ससुर से चुदवाओ ? यही लण्ड अपनी बुर में घुसा कर मज़ा लो भाभी।
बस मैंने हाथ बढ़ा कर लौड़ा पकड़ लिया और उधर निदा ने मेरे कपडे उतार कर मुझे नंगी कर दिया ? मैं पहली बार अपनी नन्द के ससुर का लण्ड चूसने लगी। उसका नाम था रहीम मुझे मज़ा आने लगा लौड़ा चूस कर। उधर नन्द मेरी चूत और चूतड़ सहलाने लगी और रहीम मेरी चूंची ? मैं लण्ड पीने में मस्त थी। थोड़ी देर में निदा ने मेरी दोनों टांगें फैला दी और अपने ससुर का लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया मैं मस्ती से चुदवाने लगी। निदा बड़ी खुश हो रही थी बोली हाय भाभी देखो न लौड़ा साला कितना टन टना रहा है इसका मतलब तेरी चूत इसे पसंद आ गयी है। मैंने कहा अरी निदा मैंने जिस दिन इसका लौड़ा अपनी सासू जी के हाथ में देखा था मैंने उसी ठान लिया था की एक दिन इसे अपनी बुर में जरूर पेलूँगी और जा मेरी बात सच निकली ? मैं दनादन्न चुदवाये चली जा रही थी। निदा ब्लू फिल्मो की तरह मेरी चूत से बीच बीच में लण्ड निकाल कर चाट रही थी। थोड़ी देर में मैंने कहा निदा अब तू मेरे सामने अपनी ससुर से चुदा कर दिखा ? मैं देखूँगी की तू अपने ससुर से कैसे चुदवाती है ? क्योंकि मैं भी एक दिन अपने ससुर से चुदवाऊँगी ?
निदा बोली :- वाओ, भाभी तूने अभी तक मेरे अब्बा का लौड़ा पकड़ा ही नहीं ?
मैं बोली :- नहीं यार, कभी मौक़ा ही नहीं मिला ? बड़ी तमन्ना है उससे चुदवाने की ?
निदा बोली :- कमाल है भाभी, मेरी सास मेरे अब्बा से चुदवाती है। मेरी जेठानी तो मेरे अब्बा के लण्ड की बड़ी दीवानी है और मेरी देवरानी बुर चोदी उसके लण्ड पर बैठ कर खूब चुदवाती है। मैंने इन सबको अपने सामने चुदवाते हुए देखा है भाभी ?
मैं बोली :- तो फिर मुझे क्यों छोड़ दिया तूने माँ की लौड़ी निदा ?
निदा बोली :- अबकी बार आने दो अब्बा को ? मैं सबसे पहले तेरी चूत में पेलूँगी उसका लौड़ा ? जानती हो उसका लौड़ा सब लौड़ों से बड़ा है भाभी ?
मैं बोली :- यार तुमने यह कह कर मेरी चूत की आग और भड़का दी है।
निदा बोली :- तो इस आग में मैं अब्बा के लण्ड का पानी डालूंगी भाभी तू चिंता न कर ?
हम दोनों इसी तरह की सेक्सी बातें कर रही थी और एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदवा रही थी। चुदवाते हुए मैंने कहा हाय निदा तेरे ससुर का लण्ड साला बड़ा मोटा है। साला बिलकुल चूत से चिपक कर आता जाता है। मैं मोटे लण्ड पसंद करती हूँ। निदा उसके पेल्हड़ सहलाते हुए बोली हां भ भी तभी तो सब लोग इसके लण्ड के दीवाने है। मेरी जेठानी मेरी देवरानी मेरी खला सास सब बहन चोद खूब चुदवाती है मेरे ससुर से ? बड़ा मशहूर हो गया है है इसका लौड़ा भाभी ?
मैंने कहा :- अरे मशहूर ही नहीं बड़ा मगरूर हो गया है इसका लौड़ा, निदा ? बड़ा घमंडी हो गया है मादर चोद इसका लौड़ा ? देखो न अपनी तारीफ सुनकर कैसे कड़क होता जा रह है। कैसे और टन टनाता जा रहा है माँ का लौड़ा ? मुझे उस दिन चुदाने में वाकई बड़ा मज़ा आया ?
दो दिन बाद मेरा ससुर आ गया . निदा बड़ी खुश थी। उस दिन पहले खूब बातें हुई और शॉपिंग भी खूब हुई।
शाम को निदा मेरे पास आयी और बोली :- भाभी आज रात को मैं चोदूंगी तेरी बुर ?
मैंने कहा :- अरी जा जा, आज तो मैं तुझे छूने नहीं दूँगी अपनी बुर ? आज तो मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी ?
वह बोली :- हां हां मैं भी उसी की बात कर रही हूँ, भाभी ? मैं ही उसका लौड़ा तेरी चूत मे पेलूंगी ?
मैंने कहा :- तो तू क्या करेगी और तेरी अम्मी क्या करेगी ?
निदा बोली :- भाभी आज होगी जम कर चोदा चोदी की पार्टी ? अरे यार इतिफाक से मेरा खाला भी आया हुआ है। वह तो अम्मी का भोसड़ा चोदेगा और मैं अपने खालू का लौड़ा अपनी बुर में पेलूँगी ? हो गया न सबकी चूत में लण्ड ? आज रात भर मैं भी चुदूँगी, मेरी माँ भी चुदेंगी और मेरी भाभी भी चुदेगी ? ये तीनो भोसड़ी वाली लण्ड अदल बदल कर चुदवायेंगी ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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