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Tuesday 11 August 2015

Here Is the Complete List of 857 Porn Websites Blocked in

New Delhi: The government of India has banned access to at least 857 websites it considers pornographic in a bid to “protect social decency”.
The order was directed to the internet service providers (ISPs) citing that they violate “morality and decency” of Article 19 (2) of the Constitution and Section 79(3)(b) of the IT Act.
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Earlier, N.N. Kaul, a spokesman for India's department of telecom, said Monday the government was controlling easy access to pornography following a directive from the country's top court.
Kaul said that while Internet service providers in India will have to bar access, users may still view the sites through virtual private networks and proxy servers. He said the move would protect children.
The leaked government order asks service providers to block access to the 857 sites on grounds of morality and decency.
The order has caused a furore with many in the country accusing the government of moral policing and infringing on personal freedoms.

Monday 11 May 2015

एक लड़की ने ऑफिस ज्वाइन किया.

ये बात है फेब १४ के मंथ की. जब मैंने अपना ऑफिस रीज्वाइन किया था और काम काफी ज्यादा था और स्टाफ कम. सर काफी बार, स्टाफ बढ़ाने की बात कर चुके थे, लेकिन फाइनेंस का इशू बोल कर टाल देते थे. धीरे – धीरे दिन बढ़ते गये और फिर कुछ दिनों बाद, वहां पर एक लड़की ने ऑफिस ज्वाइन किया. उसका नाम मनीषा था, देखने में वो एकदम सॉलिड माल थी. उठे हुए बूब्स, जिसे पेंट अपने आप टेंट बन जाए.
और अट्रेकटिव बट्स जिसे महसूस करके इंसान का झड जाए. मैं परेशान था उससे बात करने के लिए या यू कहिये, उसका काम करने के लिए. फिर हमने सोचा, कि क्यों ना काम के ही बहाने उससे दोस्ती की जाए. कोशिश रंग ला रही थी. धीरे – धीरे हमारे बीच दोस्ती हुई, फिर धीरे – धीरे हम एक दुसरे के करीब आने लगे.
फिर हमने एक दुसरे को प्रोपोज किया. सिलसिला आगे बढ़ता गया और मेरा सेक्स करने के लिए एक्स्सित्मेंट भी बढता गया. फिर हम दोनों ने सेक्स करने का प्रोग्राम बनाया. हम दोनों ही जानते थे, हम दोनों को एक दुसरे से क्या चाहिए था. हमारे ऑफिस की कीज हमारे पास या मनीषा के पास रहती थी. बहुत दिनों बाद ऑफिस बंद होने के लिए मेल आई. कि इलेक्शन डे पर ऑफिस बंद रहेगा. हम लोगो को एक अच्छा दिन नज़र आने लगा. फिर इलेक्शन डे आया और ३०थ अप्रैल २०१४ को हमारे प्लान के अकोर्डिंग, मैं ऑफिस जल्दी आ गया और ऑफिस खोलकर मनीषा का वेट करने लगा. तक़रीबन ३० मिनट के बाद वो भी आ गयी और थोड़ी देर हम एक दुसरे से बात करते रहे और सोचते रहे, कि शुरुवात कहाँ से करे.
फिर शरम को ख़तम करके उसके होठो पर टूट पड़ा. वो भी मेरा साथ दे रही थी धीरे – धीरे मेरा हाथ उसकी ब्रा के अन्दर गया, जो बिलकुल टाइट थी. मेरा हाथ बहुत मुश्किल से निप्पल तक पंहुचा. हमने काफी देर मसला और वो मुह से बस आह्ह्ह्ह अहहहा की आवाज़े निकाल रही थी. फिर मैंने उसका कुरता उतार दिया, उसने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी. रेड कलर वैसे भी सफ़ेद बूब्स पर खिलता है. फिर मेरा हाथ ब्रा के हुक पर चले गया और हुक खुल गया. दोनों पंछी आजाद होकर आसमान में उड़ने लगे और फिर मैंने उसके निप्पल को अपने मुह में दबा कर हलके दातो से उसको मसलने लगा. वो भी मछली की तरह मचलने लगी. फिर मेरा हाथ उसकी पेंटी में चला गया, जहाँ बिलकुल क्लीन शेव पुसी थी, जिसे मैं अपनी उंगलियों से सहला रहा था. बीच – बीच में ऊँगली मैं उसकी चूत के अन्दर भी डाल कर चला देता था. वो मस्त होती जा रही थी. वो सिर्फ एक ही बात बोल रही थी.. बस डाल दो… फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसका नाडा खीच लिया.
उसकी सलवार फ्लोर पर गिर गयी और फिर मैंने उसकी पेंटी नीचे किया और मुझे जब रहा नहीं गया, तो मैंने सीधे फुद्दी पर अपनी जुबान लगा दी और चूसने लगा. काफी देर चूसने के बाद देखा, वो मछली की तरह तड़पने लगी थी. इस तरह मैं उसे काफी देर तक लिक्क करता रहा. नमकीन टेस्ट मिल रहा था, लेकिन बहुत अच्छी लग रही थी वो स्मेल. मनीषा से रहा नहीं गया और उसने मेरी पेंट उतार कर अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को हिलाने लगी. मेरा लंड बहुत टाइट हो चूका था, बहुत बेताब हो रहा था उसकी चूत को फाड़ने के लिए. उसने मेरी अंडरवियर भी उतार दी और मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने उसकी चूत पर लंड को रख कर थोड़ा रगडा और फिर धीरे – धीरे धक्के लगाने लगा. लेकिन पूरा टोपा अन्दर नहीं गया. फिर मैंने एक जोर से धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी आवाज़ निकली आआआआआआआआआआअ आआआआआआआअऊऊऊऊऊओयीईईए मर गयी… मैं ..ऊऊऊऊईईईईइमा … मार डाला तुमने…
प्लीज धीरे करो.. अहहहहः अहहहः … उसकी इन आवाजो को सुनकर मेरा जोश बड़ने लगा था और इस तरह पुरे १५ मिनट तक राउंड चलता रहा. फिर मैं झड़ने वाला था. उसने कहा – अन्दर मत झाड़ना. फिर उसने मेरे लंड को निकाल कर मुह में लेकर चूसने लगी. फिर मैं भी उसके मुह में ही झड गया और उसके बाद, हमने कई बार सेक्स किचन सेक्स, स्टोर रूम में सेक्स, टेबल पर सेक्स, चेयर सेक्स.. फ्लोर पर सेक्स.. हर बार नई जगह और अलग – अलग पोजीशन में सेक्स किया. फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और एक दिन सबको मनीषा के बारे में मालूम हो गया. उसने शर्म में जॉब छोड़ दी और २ दिन के बाद, हमने भी जॉब छोड़ दी. इस तरह हम दोनों लोग अलग – अलग हो गए, लेकिन मेरा पहला सेक्स बहुत यादगार सेक्स था.

Sunday 3 May 2015

पैंटी के उतारते हुए धीरे धीरे

नीरज पाण्डेय आपको सीखा के साथ इंडियन सेक्स की कहानी सुना रहा हूँ जिससे मेरी हालही में मुलाकात मुम्बई एयरपोर्ट पे हुई थी | दोस्तों वो दिखने में तो गजब माल लग रही थी और हम दोनों की मुम्बई में अपने कुछ काम के सिलसिले में आये थे | हम दोनों एक ही टेक्सी पकड़ी और इसीलिए वहाँ टेक्सी में ही हमारी बातचीत भी चालू हो गयी |यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । टेक्सी से उतरने के बाद हम एक साथ ही बात करते हुए चल रहे थे और एक ही होटल में जब हमने दो कमरों की बात कहीं तो पता चला की वहाँ एक ही कमरा खाली था | मैंने सोचा किसी दूसरे होटल में जाया जाए पर सीखा ने कहा की कुछ ही दिनों की बात है हम दोनों रह सकते हैं उप्पर से बतियाने के लिए कंपनी भी मिल जायेगी |
मैंने भी वैस ही किया जो उसने मुझे समझाया | हम दोनों एक दिन तो बातों में ही गुज़ार दिया और एक अछे दोस्त बन चुके थे और ऐसे ही करके दो दिन और निकल चुके थे | वो बेड रूम में सोया करती थी और मैं सोफे पे पर चौथे दिन शाम को उसने कहा की आज हम दोनों एक साथ ही बेड पर सो जाते हैं और सच पूछो तो मुझे बड़ी खुशी हुई | रात को हम दोनों एक दूसरे से बतियाते हुए धीरे धीरे रोमांटिक होने और मैं उसके बिलकुल आ गया था | हम दोनों आँखों में आँखें डाल दल खो चुकी थे और मैं अपनी उँगलियों को उसकी हथेली पर सहला रहा था |
मैं सीखा को सहलाता हुने मैंने उसके चुचों को दबा रहा था जिसके बाद हम दोनों के होंठ एक दूसरे पर लड़खड़ाते हुए मैंने उसके टॉप को उतार दिया | मैंने सामने बढते हुए उसके चुचों को मुंह में भर लिया जिसपर वो सिसकियाँ ले लगी थी | मैं दूसरे हाथ से पजामे को को नीचे कर दिया और पैंटी के उतारते हुए धीरे धीरे उंगलियां सीखा की चुत के अंदर डालने लगा | सीखा की चुत ५ मिनट में ही गीली हो चुकी थी | मैंने अब उसकी चुत को अपने लंड के सामने कर चुत पर अपने लंड को सटाके जोर देने लगा और लंड के ज़ोरों के धक्के उसकी चुत में बरसाए जा रहा था | वो पहले मुंह को खोले हुए बस हलके से आह्हह हहहह कर रही थी जिसके बाद अब उसकी कसके आवाज़ भी निकालनी शुरू हो गयी थी |
मेरा लंड अब उसकी चुत में जाते हुए मोटा सा होता जा रहा और मुझे बड़ा नरमी वाला सुकून मिल रहा था | नीचे से मेरा लंड उसकी चुत की धंजिया उड़ाते हुए अपने इंडियन सेक्स के करतब दिखा रहा था, तो मैं उप्पर से उसके होंठों को चूस रहा था | यह कहानी  डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे ।मैं न ही ज्यादा तेज रफ्तार में था ना ही ज्यादा कम, बस इस तरह बदन से तन मिलाए हुए चुदाई के हसीं सुख को आधे घन्टे तक जी रहे थे और उसकी चुत के पानी ने बिस्तर पूरा गीला कर दिया था | बा तो मैं भी उसकी गीली चुत में झड़ने से अपने आप को नहीं रोक पाया | अगली आखिरी दिन भी हमने पुरे दिन रात ५ बार चुदाई का खेल खेला और फिर वहाँ से लौट आया और उसे हमेशा के लिए छोड़कर |

Thursday 23 April 2015

Friday 17 April 2015

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मैं कोई बहुत पुरानी रीडर तो नहीं हु. लेकिन, कुछ ही समय में मैंने यहाँ पर काफी कहानिया पड़ी है और यकीन मानिये, हर बार, मेरी बुर गीली हुई है. कहानी पढ़ते समय हर बार, मुझे लगता है, कि कहीं ना कहीं ये मेरी लाइफ से भी जुडी हुई है. इसलिए हिम्मत करके, मैं आपसे अपनी पहली चुदाई की कहानी शेयर कर रही हु. मेरा नाम रीमा है और मैं बिहार से हु. ये कहानी तब की है, जब मैं तब १८ साल की थी. मेरी मम्मी एक टीचर थी और पापा भागलपुर में पहले से ही जॉब करते थे. सो मैं पटना में अकेले रह गयी थी. मैं तब बीसीऐ कर रही थी. मैंने कॉलेज का हॉस्टल ले रखा था. हॉस्टल में बहुत ही स्ट्रिक्ट रूल थे. मोबाइल फ़ोन भी नहीं रखने देते थे. बाहर जाना वीक में सिर्फ एक बार ही पस्सिब्ल था. मैं तो वहां न्यू थी, ना किसी को जयादा अच्छे से नहीं जानती थी. ना ही कोई बॉयफ्रेंड था. धीरे – धीरे मैंने देखा, कि सब हॉस्टल वाली लडकिया अपने बॉयफ्रेंड से काम करवाती है, मिलने जाती है. मेरा भी बहुत मन होता था, कि काश मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड होता.
पर मैं बिलकुल अनजान थी उस जगह से. काफी दिक्कत आती, जब काम रहता. हमारे हॉस्टल का मेस बिलकुल हॉस्टल से सटा हुआ है. एकदिन मैं क्लास अटेंड करके मेस की तरफ आ रही थी. गर्मी के दिन थे. मैं पसीना – पसीना हो चुकी थी. मेरे कपड़े पसीने से गीले हो चुके थे और गीले कपड़ो की वजह से, मेरी चुचिया मेरे कपड़ो से साफ़ झलक रही थी. मैंने देखा, कि किचन से कोई मुझे घुर रहा है. मैंने भी अन्दर झांक कर देखा, कि एक न्यू नौकर आया है. वो लगभग २४- २५ साल का था. उसका काला सा चेहरा मुझसे लम्बा था. वो मुझे अब भी घुर रहा था. मैं वहां से चली गयी. फिर धीरे – धीरे नोटिस किया, कि मुझे हमेशा ही घूरता रहता था. बहुत गुस्सा आता था. पर सच कहू, पहली बार कोई घुर रहा था. तो इसलिए बहुत अच्छा भी लगता था. फिर मुझे एकदिन पैड्स (स्टेफ्री) की जरूरत थी और मेरे पास मेरे बेग में एक भी नहीं बचा था. मैं क्या करू… रूममेट भी बाहर गयी थी, तो सोचा, कि उस नौकर को ही बोलू.
मैंने बहुत हिम्मत करके उसको बोला. वो दौड़ता हुआ गया और लाकर मुझे दे दिया. फिर तो मुझे कुछ भी काम होता था, तो उसको हो कहती थी. वो एक बार में कर देता था. वो मुझे अच्छा लगने लगा. वप मेरे आजू – बाजू ही घूमता रहता था. हॉस्टल में मेरे लिए अलग मस्त खाना बनाता था. एकदिन कॉलेज में फंशन था. मैंने फंशन में डांस किया था और आते – आते इतना थक गयी, सोकर उठी.. तो रात के ११ बजे थे. मुझे बहुत भूख लगी थी. मैंने सोचा, कि उसको ही बोलती हु. मैं जैसे ही उसके रूम में जाकर उसको उठाने के लिए एंटर हुई, तो पाया कि वो सिर्फ अंडरवियर ही पहनकर सोया हुआ था. उसका अंडरवियर कुछ उठा सा हुआ था. मैं उसे देखकर हैरान थी और मेरे जिस्म में उसके अंडरवियर के उठे हुए भाग को देखकर गुद्गुद्दी सी होने लगी थी. मेरा भी मन कर रहा था, कि उसके अंडरवियर को हटाकर देख लू, कि वो उठी हुई चीज़ क्या है? पर मैंने अपने आप पर काबू करते हुए, उसको आवाज़ देकर उठाया. वो इतनी रात को मुझे देखकर चौक गया.
मैंने बोला, कि मुझे भूख लगी है. सुबह से एक बार ही खाना खाया है. तो वो बोला – मैडम सो गयी होगी आप. आप किचन में जाओ, मैं आ रहा हु. मैं किचन की तरफ गयी, वो आया. उसने रोटी – सब्जी बनायीं. मैं भी उसकी हेल्प कर रही थी. बीच – बीच में उसका हाथ, मेरी चूची को टच हो रहा था. मुझे शर्म आ रही थी और मैं हलके – हलके स्माइल भी कर रही थी. उसने उसको ग्रीन सिग्नल समझा. ११ बजे फंशन की रात, कोई भी नहीं जाग रहा था हॉस्टल में. तो हमें कोई डिस्टरब नहीं करने वाला था. उसने मुझे “आई लव यू” कहा. मैं कुछ भी नहीं बोली. उसने मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और मुझे लिप किस करने लगा. पता नहीं कब तक उसने मेरे होठो को चूसा! ये मेरा पहला किस था. उसका हाथ मेरी कमर के पीछे था और वो अपना हाथ मेरी पीठ पर घुमा रहा था. उसने मेरे मुह में अपनी जीभ घुसा दी थी. मुझे नीचे से उसका लंड चुभ रहा था. मैं बिलकुल सोची भी नहीं, कि ये हॉस्टल है और ये नौकर है. मैं उसके साथ किस पर किस किये जा रही थी. तभी किसी के आने की आहट आई. हम दोनों जल्दी से अलग हो गये. मैं अपने रूम में खाना लेकर आ गयी. वहां आकर देखा, कि मेरी रूममेट सोई थी.
दिल को तस्सली हुई. खाना खाकर मैं सो गयी. उसदिन के बाद लाइफ ही चेंज हो गयी. वो हॉस्टल में बात तक नहीं करता था, ताकि किसी को पता ना चले. हर वीक में हम जू जाते थे और बहुत मज़ा करते थे. एक मंथ में मुझे मेरी ब्रा छोटी लगने लगी. वो जू में, मुझे काफी किस करता था और खूब बूब्स प्रेस भी करता था. एकदिन, उसने पूछा – तुम्हारी बुर कैसे रंग की है. मैं एक प्यार वाला थप्पड़ दी. उसने मुझे उठाया और कहा – भीड़ बहुत है आज जू में. हम दोनों भीड़ के साथ गुथम-गुथा होते हुए चले जा रहे थे. भीड़ में मौका का फायदा उठाकर उसने मेरी गांड दबा दी और कभी कमर से कमर को धक्का मार देता. बहुत मज़ा आ रहा था. हम लोग प्यार में डूबे थे, पर हॉस्टल में किसी को नहीं पता था. मेरी रूममेट अपने बॉयफ्रेंड से छुपकर फ़ोन पर बात करती थी. उसने मुझे भी एक फ़ोन लाकर दिया. हम रोज़ रात को फ़ोन सेक्स करने लगे. अभी तक रियल सेक्स नहीं हो पाया था. होली की छुट्टी आने वाली थी. सब घर जा रहे थे. मैं उदास थी, क्योंकि मम्मी की तबियत ख़राब थी और वो भागलपुर से नहीं आ सकती थी. तो मैं अकेले होली मनाती. मैं अकेले ही पुरे हॉस्टल में रुकी थी.
होली की सुबह १२ बजे उठी. मैं टॉयलेट में आ रही थी, तो पता नहीं वो कहाँ से आया. मैं थोड़ा डर गयी. उसने मुझे टॉयलेट में घुसाकर किस किया. मैंने भी किस कर रही थी. वो मुझे अपनी गोदी में उठाकर रूम में ले गया. उसने मेरा टॉवल खीचकर उतार दिया और मैं पूरी नंगी हो गयी थी. क्योंकि मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. मैं शरमाने लगी थी और अपने आप को अपने हाथ से ढकने की कोशिश करने लगी थी. वो बोला – आपकी बुर भी आपके शरीर की तरह गोरी है. वो हाथ और गालो पर रंग लगा था. वो अपने गालो को मेरे गालो से रगड़कर मुझे रंग लगा रहा था. उसके हाथ मेरी चूची को आटे की तरह मल रहे थे. उसने पहले भी एकबार जू के सिनेमा हॉल में, मेरी बुर में ऊँगली की थी. पर मुझे न्यूड पहली बार देख रहा था. उसने मेरी चूत को प्यार से दबाया और रंगा. मैं पूरी लाल हो गयी थी. उसने ऊँगली भी करनी शुरू कर दी. मैं तड़प रही थी, कि तभी आहट आई और मैं टॉयलेट में भाग गयी. वो चले गया. फिर मैं रात में टॉप – स्कर्ट में सोई थी. गेट पर दस्तक हुई. खोला, तो वो अन्दर आ गया. गेट लॉक किया. मैंने बोला – इतनी रात को, क्यों? उसने मुझे गोदी में बिठाया और हाथ घुसाकर मेरी चूची दबाई, कानो को किस किया और बोला – आज होली पूरी नहीं हुई थी. मेरी टॉप फाड़ दी और ब्रा भी फाड़ दी. मैं इस तरह के लिए रेडी नहीं थी.
उसने पूरा न्यूड किया. मैं भी उसपर चढ़ गयी और उसको न्यूड कर दिया. उसका लंड काफी बार मुह में ले चुकी थी सिनेमा हॉल में. हमने किस किया. आज तो मेरी चूची की जान चली गयी थी. उसने मेरी बुर चाटी पहली बार. मैं तो निकल गयी थी. उसने अपना मोटा लंड सटाकर रगडा और जोरका धक्का दिया. मुझे लगा, कोई गरम रोड घुसा दिया. मैं चिल्लाई, पर कौन सुनता. कोई रहम नहीं दिखाया उसने और मुझे चोद दिया. वो मेरा पहला सेक्स था, जोकि मैं आज तक नहीं भूली हु. तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली स्टोरी आप सबको. मुझे जरुर बताना. मुझे आप अपने लंड का साइज़ भी बताना. मुझे बड़े लंड को अपनी बुर में लेना बहुत पसंद है. मुझे आप सबके कमेंट का इंतज़ार रहेगा…

Friday 20 March 2015

मकान मालकिन की बेटी

मैं एक नार्मल लड़का हु, सभी लडको के जैसा. जॉब करता हु और जॉब के सिलसिले में, मेरा काफी घूमना फिरना लगा रहा है. ये घटना हाल ही की है. मेरी पोस्टिंग चंडीगढ़ हुई और स्टोरी भी यहीं की है. यहाँ आये हुए, मुझे २ साल हो गये है और मैंने अपना रूम अभी तक चेंज नहीं किया है. ये कहानी भी मेरी और ये कहानी भी मेरी और मेरी मकान मालकिन की बेटी की है, जिसके साथ मेरे संभंद अचानक बन गये थे. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर है और मैं ज्यादा किसी से बात नहीं करता हु. बस ऑफिस से रूम – रूम से ऑफिस. यही रूटीन है. अक्सर अपने रूम में पेग लगाकर सेड सोंग, कोई ग़ज़ल या पंजाबी सोंग सुनता हु, जैसा भी मूड हो. मेरे मकान मालिक के दो बच्चे है १ लड़का और १ लड़की. लड़का २४ या २५ साल का है और लड़की २४ या २३ की. लड़का एम्बीऐ और लड़की ऍमऐ कर रही है.
हम लोग आपस में ही कम बातें किया करते थे. बस हाई और हेलो ही या ज्यादा से ज्यादा ५ से १० मिनट के लिए नार्मल बातें. ये बात अभी गर्मियों की है. वैसे तो उन बच्चो से कम ही बात करता हु. खास तौर से सिया से. सॉरी मैं आपको उन दोनों के नाम बताना भूल गया. लड़की का नाम सिया है और लड़के का नाम रणवीर है. मेरी उम्र २८ साल है, मैं ना चाहते हुए भी कभी-कभी सिया के बारे में सोच लेता हु. बट नार्मल ना की उसके साथ सेक्स करने का. मेरे मकानमालिक की फॅमिली काफी सीधे और अच्छे इन्सान है. अब ज्यादा बकवास ना करते हुए, मैं स्टोरी पर आता हु. एक दिन जब मैं ऑफिस से आया, तो थोडा टेंशन था काम का और उसको लेकर बॉस से थोड़ी अनबन हो गयी थी. रूम पर आया और अपने कमरे में जाकर लेट गया. मूड थोडा ऑफ था, तो सोचा बियर पिली जाये. मैंने जाके २ बियर पी और आकर कमरे में लेट गया. कभी-कभी जब मेरा मन करता है, तो मैं अपने कमरे में न्यूड लेटकर ब्लू फिल्म देखता हु. उस दिन भी मैं नंगा लेटा हुआ था और एक ब्लू फिल्म को देखते हुए अपने लंड को सहला रहा था. हलकी रौशनी के लिए मैंने कमरे में नाईट बल्ब लगा रखा है.
मैं थोडा नशे में था और ऊपर मेरे मकान मालिक कम ही आते है, तो मुझे विंडो क्लोज करने का ध्यान ही नहीं रहा और मैं मस्त मूवी देख रहा था. मालूम ही नहीं चला, कि कब सिया विंडो पर आके मुझे देख रही थी. मैं मूवी में मस्त था. अचानक मुझे लगा, कि विंडो पर कोई है. मैं बाथरूम में जाकर कपडे पहनने लगा और मूवी और विंडो क्लोज करके रूम से बाहर आ गया. बाहर आकर देखा, तो सिया खड़ी थी. मैंने उसको पूछा – कब आई? तो उसने कहा बस अभी आई हु. क्या कर रहे हो? मैंने कहा – कुछ नहीं. बस मूवी देख रहा था. उसने कहा – कौन सी? तो मैंने कहा – होलीवूड की है. मैंने पूछा – तुमने कोई मूवी देखि है. तो मैंने उसको पूछा – तुम देखना चाहती हो? उसने हाँ बोल दिया. मैं मन ही मन सोच रहा था, कहीं सिया ने मुझे नंगा और मूवी देखते हुए तो नहीं देख लिया है. फिर मैंने मन ही मन सोचा – ऐसा नहीं हो सकता. हम दोनों रूम में आ गये और मैंने मूवी शुरू कर दी. उसने कहा – ये नहीं, मुझे तो वो मूवी देखनी है, जो तुम देख रहे थे.
मैंने कहा – ये वही है. उसने बोला – मुझे मालूम है कि तुम क्या देख रहे थे. मैंने तुम्हे न्यूड और वो वो मूवी भी देखी है. मुझे वही मूवी देखनी है. मैंने कहा – वो तुम्हारे देखने के लिए नहीं है. वो जिद करने लगी और बोली – मेरी एक फ्रेंड ने मुझे इस तरह की मूवी के बारे में बताया है, पर मैंने कभी देखी नहीं. प्लीज मुझे देखनी है. उसके ज्यादा जिद करने पर, मैंने कहा – नहीं, नीचे जाओ. आंटी सोचेगी कि तुम ऊपर क्या कर रही हो? इतनी देर से और कोई ऊपर तुम्हे बुलाने आ जायेगा. तुम मूवी बाद में देख लेना. तो उसने कहा – प्लीज १० मिनट देखनी है. मैंने कहा – ठीक है. देख लो. मैंने मूवी शुरू कर दी और रूम से निकल कर बाहर आ गया. कुछ देर बाद, मैं अन्दर गया और मूवी बंद कर दी और उसको कहा – बस, और नहीं अब. कोई आ जायेगा. वो बोली – ठीक है. हाँ पर ये मूवी मैं बाद मैं देखूंगी. तुम दिखोगेना मुझे. मैंने भी उसे हाँ बोल दिया. और वो मुझे किस करके चले गयी. उसके इस तरह से किस करने से मैं शॉक रह गया और मेरी धड़कन राजधानी ट्रेन की तरह दौड़ने लगी. थोड़ी देर में जाके मैं नार्मल हुआ.
अब सब भूलकर मैं खाना खाकर सो गया और दिन उसी तरह गुजरने लगे और मैं उस बात को भूल गया. एकदिन जब मैं रूम पर पंहुचा, तो देखा सिया ऊपर छत पर थी और वो बहुत ही स्वीट और सेक्सी लग रही थी. मैंने कहा – क्या बात है? आज किसको मार डालने का इरादा है? तो उसने हंसकर बोला – तुम्हे और मैं भी हंस दिया. वो पूछने लगी, इतनी देर क्यों हो गयी. मैं कब से वेट कर रही हु. मैंने पूछा – कुछ काम था? कॉल कर देती. फिर मैंने उससे काम के बारे में पूछा. उसने कुछ नहीं बोला और कहा – तुम डेली जल्दी आ जाते हो और आज तो ९:०० बज गये है, इसलिए पूछ रही हु. मैं कुछ नहीं बोला और रूम खोलकर अन्दर आ गया. साथ में वो भी अन्दर आ गयी और बोली – तुम्हे याद है, तुमने मुझे एक मूवी दिखाई थी. मुझे वो मूवी देखनी है. मैंने कहा – ठीक है और एक मूवी चला दी. उसने कहा – ये नहीं. वो वाली, जो तुम उस दिन देख रहे थे. मुझ कुछ याद आया और मैंने बोला – वो वाली? उसने भी कन्फर्म किया – हाँ जी, वो ही वाली. फिर, मैंने उससे कहा – तुम मुझे पिटवाना चाहती हो? तो वो हंस पड़ी. बोली क्यों, तो मैंने कुछ नहीं बोला.
और उसे अपना लैपटॉप देकर बोला – इसे ले जाओ और मूवी भी इसी में है. वो वो मुझे गुस्से से देखने लगी. मैंने पूछा – क्या हुआ? वो बोली – कुछ नहीं और लैपटॉप लेकर चली गयी. मैं सोच रहा था, इसे क्या हुआ? मैंने चेंज किया और बेग से बियर निकालकर पिने लगा. अभी बियर पी ही रहा था. तो किसी ने डोर नॉक किया. मैंने बियर छुपा ली और डोर ओपन किया, तो सामने सिया खड़ी थी. मैंने कहा – “सिया”. क्या हुआ? वो बोली – खाना खा लो. आज तुम्हारा टिफिन नहीं आया है और मैं उसे देखने लगा. वो गुस्से में बोली – ले लो. क्या देख रहे हो. मैंने खाना ले लिया और फिर वो चली गयी. मैं फिर से बियर पीने लगा और खाना खाया. इस सब में ११:३० बज चुके थे. मुझे नीद नहीं आ रही थी, तो मैं कमरे से बाहर आकर छत पर टहलने लगा. इतने में सिया लैपटॉप लेकर आ गयी और बोली इसकी बैटरी ख़तम हो गयी है. मैंने कहा – चार्जर अन्दर बेग में पड़ा है, ले लो. उसने उस समय शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी हुई थी. बड़ी सेक्सी बम लग रही थी वो. मेरा तो उसको देखकर खड़ा होने लगा था.
वो अन्दर जाकर रूम में मूवी देखने लगी. मैं रूम में आ गया और बोला – सिया कोई देख लेगा, तुम इतनी रात को मेरे रूम में क्या कर रही हो? बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी. वो उठी और मुझे हग करने लगी और बोली – आज घर पर कोई नहीं है. पापा टूर पर गये है और भाई फ्रेंड के घर पर स्टडी के लिए गया हुआ है. वो मुझे किस कर रही थी. अब मुझे भी कुछ होने लगा था. मैंने भी उसे किस करना शुरू कर दिया. मेरा एक हाथ अपने आप, उसके बूब पर चले गया और मैं उसके बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर किस करने के बाद हम अलग हुए. हम दोनों की सांसे बहुत तेज हो चुकी थी और हम रूम में एक दुसरे की तेज आवाजो को सुन सकते थे. मैंने कहा – आंटी क्या कर रही है? उसने बताया – कि माँ सो गयी है और फिर हम दोनों दुबारा किस करने लगे. किस करते-करते मैंने उसकी शोर्ट में हाथ डाला, तो मालूम हुआ उसने पेंटी नहीं पहनी है और मैं उसके नेवल को रब करने लगा. मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था. वो भी मुझे किस कर रही थी. उसके मुझे किस करने से मालूम हो रहा था, कि उसने पहले कभी लिप किस नहीं किया है.
मैंने पूछा – तुमने पेंटी क्यों नहीं पहनी है. वो शर्मा कर बोली – मैंने ब्रा भी नहीं पहनी है. ये सुनकर मैंने उसकी टीशर्ट भी उतार दी. मैंने अपना मुह उसके बूब्स में घुसा दिया और उनको पीने लगा. बीच-बीच में. मैं उसके बूब्स को दबा रहा था और साथ-साथ उसको काट भी देता था. मेरी हवस बढती जा रही थी. वो अपने हाथो से मेरे सिर को अपने बूब्स में दबा रही थी. उसने मेरे कपडे निकालकर मुझे नंगा कर दिया और फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया. उसने अपनी दोनों बाहे खोलकर मुझे अपने पास बुलाया. मैं उसके पास गया और उसको किस करने लगा. मैं उसके पुरे बदन पर टॉप से बॉटम हर जगह उसको किस कर रहा था. वोवोवोवोवो वोवोवोवो .. क्या मस्त चूत थी उसकी. एकदम चिकनी. उसकी चूत क्लीन शेव थी. मैंने बोला – क्लीन की? सिया बोली – आज ही की है, तुम्हारे लिए. और अहहहः अहहहहः म्मम्मम्म ओअओअओअओअओअओअ करने लगी.फिर मैंने उसे लंड मुह में लेने को कहा. लेकिन उसने मना कर दिया.
मैंने उससे कहा – प्लीज. तो उसने मेरे लंड को थोडा सा मुह में लेकर निकाल दिया और बोली – ठीक है? मैंने कहा – नहीं. प्लीज ठीक से करो. एक बार जैसे की मूवी में लड़की करती है. और ये बोलके मूवी शुरू कर दी और फॉरवर्ड करके उस टाइम पर कर दी, जहाँ लड़की लड़के का मुह में ले रही थी. मैंने सिया को कहा – ऐसे ही करो. फिर वो मुह में लेकर अन्दर बाहर करने लगी. लेकिन, वो ठीक से नहीं कर पा रही थी. मैं बीच- बीच में लंड उसके गले तक उतार देता था और उसकी सांसे रुक जाती थी. हम दोनों से अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था और सिया कांप रही थी. मैंने उससे पूछा – क्या हुआ? तो वो बोली – कुछ नहीं. फिर मैंने उसे जोर से हग किया और उसे प्यार से किस करते हुए फिर से लिटा दिया. मैंने एक बाद फिर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैंने उसकी चूत पर थूक लगाकर उसको पूरी तरह से गीला कर दिया. फिर मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी. मैं कभी अपनी एक और कभी दो ऊँगली डालकर अन्दर – बाहर कर रहा था. वो दर्द के मारे तड़प रही थी और मुझसे बोली – बस करो और मुझे ऊपर खीचने लगी.
मैं ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा. मैंने अपने लंड पर अपना बहुत सारा थूक लगाया और उसको पूरी तरह से गीला कर दिया. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया और अन्दर डालने लगा. वो दर रही थी. मैं उसकी परेशानी समझ गया और रुक गया. फिर, मैंने उससे बातें करते हुए उसके दोनों होठो को अपने होठो के बीच में दबा लिया और एक जोर का धक्का मारा. इस झटके में, मेरा थोडा सा लंड उसकी चूत के अन्दर गया और वो बहुत जोर से चीखी. लेकिन उसकी चीख मेरे मुह में ही रुक कर रह गयी. वो छटपटाने लगी, मैं रुक गया और प्यार से उसके गालो पर हाथ फेरने लगा. वो बहुत तेज तड़प रही थी और छटपटा रही थी. मेरा लंड निकल गया. वो रोने लगी और उसकी आँखों में आंसू आ गये. ये देखकर मुझे उसपर इतना प्यार आया, कि मैंने उसे कहा – रोये नहीं. बस कुछ देर में दर्द ख़तम हो जायेगा और उसे मज़ा आने लगेगा. पर वो तो सिर्फ रोये जा रही थी. मैंने उसके मुह को अपने हाथो से बंद किया और अपने लंड को एक और तेज धक्का मार दिया. वो दर्द से फिर से तड़प उठी. उसके दर्द को देखकर मुझे उसपर दया आ गयी और मेरे दिल में दर्द होने लगा. मेरे साथ ये पहली बार हुआ था. सिया से पहले मैंने अपनी गर्ल फ्रेंड को २-४ बार चोदा था. पर ये पहली बार था, कि मैं सॉरी फील कर रहा था.
मुझे सिया पर प्यार और अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था, कि मैं ऐसा क्या कर रहा हु उसके साथ. शायद मुझसे उसकी तकलीफ बर्दाश्त नहीं हो रही थी. मैं उसके बगल में लेट गया और अपना एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे से निकालकर और दूसरा हाथ उसकी कमर में डालकर उसे अपने ऊपर लिटा लिया. और उससे सॉरी बोला. मैंने बोला – सॉरी. शायद थोडा जल्दी अंदर कर दिया. फर्स्ट टाइम थोडा दर्द होता है. तुम कहो तो फिर कभी करे और उसे किसी छोटे बच्चे की तरह हग करके किस करने लगा. मैं उसके गाल प्यार से सहला रहा था. वो भी अब तक शांत हो चुकी थी. मैंने उससे पूछा – करे क्या? वो चुप रही. मैंने उसे जोर से अपनी बाहों में भीच लिया और कहा – आज नहीं सिया, फिर कभी करेंगे. पर मैं नहीं चाहता था, कि वो मना करे कहते हुए उसको ढीला छोड़ दिया. पर वो मुझे किस करने लगी और बोली – इस बार धीरे करना. मैंने कहा – ठीक है. मैंने उसकी चूत पर इसबार बहुत सारी क्रीम लगा दी और अपने लंड को भी क्रीम से पूरा चिकना कर लिया.
फिर, मैंने कहा – सिया थोडा दर्द होता है. उसने कहा – जो भी हो जाये, तुम रुकना नहीं और मुझे किस करने लगी. इस बार मैंने अपनी पोजीशन चेंज करके बेड पर पैर नीचे करके बैठ गया और उसको अपनी गोद में बैठा लिया. वो मेरी गोद में, मेरे लंड पर थोडा सा ही बैठी थी. मैंने उसका मुह अपने अपने मुह में डाल कर किस करने लगा. उसे कुछ समझ में आता; उससे पहले ही एक झटके साथ मैंने उसकी कमर को पकड़कर अपने लंड में घुसा दिया. मेरा लंड लगभग आधा अन्दर घुस चूका था. वो कुछ रियेक्ट करती. उससे पहले, मैंने पलटकर उसे बेड पर लिटा दिया और अपने लंड को पूरा अन्दर घुसा दिया. ये सब इतनी जल्दी हुआ, कि मुझे भी समझ नहीं आया. वो फिर से रोने लगी. पर इस बार मैंने पूरा प्लान दिमाग में बनाया हुआ था. कि मुझे क्या करना है. मेरा एक हाथ उसकी कमर में दूसरा उसकी गर्दन में था. उसका मुह अभी भी मेरे मुह से बंद था और मैंने अपनी पूरी ताकत उसको जकड़ने में लगा दी. वो हिल भी नहीं पा रही थी और मैं क्या कर रहा हु, मुझे भी नहीं पता था.
२ मिनट ऐसे ही रहने के साथ वो शांत हो गयी और इस दौरान उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ में जगह-जगह गडा दिए, ये मुझे बाद में मालूम हुआ. फिर मैं धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा. उसके चेहरे पर जो ख़ुशी थी और चमक थी वो मैं बता नहीं सकता. हम दोनों जितने खुश थे. उतने पहले कभी नहीं हुए थे. जाने क्यों, मैं कापने लगा. उसने पूछा – क्या हुआ? मैंने कहा – कुछ नहीं. १० – १५ मिनट में ही हम दोनों झड़ गये. उसने मुझे थैंक्स कहा और किस किया. उस रात हम दोनों ने रात के ३:०० बजे तक सेक्स किया और फिर वो चली गयी. आशा करता हु, कि आपको मेरी स्टोरी पसंद आई होगी.

Sunday 15 March 2015

भाभी बताओ ना

हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम रवि है.. में 21 साल का हूँ और मेरे घर में माँ, पापा, भाई और भाभी रहते है. में कोलकाता का रहने वाला हूँ और मैंने अपनी भाभी के साथ बहुत मज़े किए है. मेरी भाभी 29 साल की है और उनके एक 3 साल की बेटी है. मेरी भाभी का नाम कल्पना है और एक बेटी होने के बाद भाभी मोटी हो गयी है भाभी का फिगर 38, कमर 26, और गांड 42 की है और उनका कलर गोरा है.
भाभी घर में मेक्सी पहनती है और बाहर जाते वक्त साड़ी. अब में आप सभी का ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी की शुरुआत करता हूँ. फिर दोस्तों में जब से जवान होता गया तब से में औरतों को घूर घूरकर देखने लगा में उनके बूब्स, गांड पर ज्यादा ध्यान देने लगा और में मेरी भाभी के साथ सोना चाहता था.. इसलिए में हर रोज रात को भैया, भाभी के कमरे के बाहर खड़ा रहता था और वो रोज रात को जमकर चुदाई करते थे. मैंने एक दिन सोच लिया कि अब में भी भाभी को चोदकर रहूँगा.. लेकिन मुझे कोई मौका नहीं मिल रहा था और वैसे भी भाभी मुझसे फ्रेंक हो गयी थी और हम दोनों बहुत मस्ती मज़ाक करते रहते थे.
फिर एक दिन में सुबह नहाने गया तो मैंने देखा कि बाथरूम में एक ब्रा और लेडिस पेंटी पड़ी हुई थी और उसे देखकर मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो गया और में पेंटी को सूंघने लगा.. उसकी महक से में दीवाना हो गया और में उसे पहनकर मूठ मारने लगा और मुझे कंट्रोल नहीं हुआ.. तो मैंने वीर्य पेंटी में निकाल दिया. थोड़ी देर बाद मेरे पीछे भाभी नहाने गयी और वो नहाकर बाहर आई और मुझे देखकर हंसने लगी और में समझ गया कि जरुर भाभी ने मेरी करतूत देखी होगी.. भाभी मेरी तरफ देखकर बार बार हंस रही थी. दोपहर हो गई और भैया ऑफिस गये हुए थे.. पापा अपने एक दोस्तों के साथ बाहर घूमने गये थे और माँ सो रही थी. फिर भाभी और में टीवी देख रहे थे और तब भाभी ने मुझसे पूछ लिया कि मैंने उनकी पेंटी में क्या कर दिया? तो में शरमाया.
भाभी : देवरजी लगता है कि अब आपकी भी शादी कर देनी चाहिए.
में : क्या भाभी इतनी जल्दी?
भाभी : तो आप यह सब इतनी जल्दी क्यों करने लगे हो?
फिर हम थोड़ी देर चुप बैठे रहे और थोड़ी देर बाद.
भाभी : तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
में : जी नहीं.
भाभी : तभी तो आप यह सब कर रहे हो.
में : भाभी क्या आप लेकर बैठ गये.
भाभी : आपको कैसी लड़की पसंद है?
में (सोचते हुए ) : भाभी आपकी जैसी भी चलेगी.
भाभी : क्यों ऐसा क्या है मुझमे?
में : सच बोलूं गुस्सा तो नहीं करोगी.
भाभी : अब बताओ भी.
में : भाभी आप बहुत सेक्सी हो.
भाभी : अच्छा तो आप मुझे ऐसी नज़र से देखते हो.
में : अरे में क्या सभी आपको ऐसे ही देखते है.. क्या आपको नहीं पता?
भाभी : हाँ मुझे सब पता है
में : आपको किस पर शक हुआ.
भाभी : तुम्हारे पापा मतलब मेरे ससुर पर.. वो मेरे पास आकर यहाँ वहाँ हाथ लगाते है.
में : क्या तो आपको अच्छा लगता है?
भाभी : अब में कुछ बोल भी नहीं सकती.
में : लेकिन वो कहाँ कहाँ पर हाथ लगाते है
भाभी : छोड़ो ना वो बात.
में : भाभी बताओ ना प्लीज़.
भाभी : वो पीछे तो कभी छाती को रगड़ते है
में : भाभी आपका कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड था
भाभी : नहीं बाबा कोई नहीं था.. लेकिन एक दो लड़को ने जरुर प्रपोज किया था.
में : भाभी, भैया रोज रात को करते है ना?
भाभी : क्या?
में : आपके साथ सेक्स.
भाभी : देवरजी आप तो पागल हो गये हो.
में : भाभी बताओ ना करते है कि नहीं?
भाभी : हाँ बाबा करते है.
में : तो क्या आपको अच्छा लगता है?
भाभी : क्यों आपको नहीं लगता?
में : मुझे भी अच्छा लगता है.. लेकिन लड़कियों को लगता है या नहीं?
भाभी : लड़कियां भी वही चाहती है.. लेकिन देखती नहीं है.
में : सेक्स करते वक्त लड़कियां क्या चाहती है कि लड़का कैसा होना चाहिए?
भाभी : देवरजी आप बहुत आगे की पूछ रहे हो.. यह सवाल आप अपनी बीवी को पूछो.. समझे आप.
में : अरे भाभी बताओ ना में आपसे ही तो पूछ रहा हूँ.
भाभी : नहीं में नहीं बता सकती.
में : प्लीज़ भाभी प्लीज़ बताओ ना.
भाभी : ठीक है बाबा बताती हूँ.. लडकियाँ सिर्फ़ यह चाहती है कि लड़को का जो नीचे होता है ना वो बड़ा होना चाहिए.
में : लेकिन कितना बड़ा?
भाभी : अब वो दिखाकर ही बताना पड़ेगा.
में : तो मेरा दिखाओ ना.
भाभी : देवरजी आप अपना आपकी बीवी को दिखना.. किसी और को नहीं.
में : तो आप ऊपर से ही हाथ लगाकर बताओ कितना चाहिए.
भाभी : देवरजी आप चुप रहिए में नहीं बता सकती.
में : भाभी बताओ ना प्लीज़.. में थोड़ी ना आपके साथ कुछ करने वाला हूँ.
भाभी : आप भी ना देवरजी.
में : लगाओ ना हाथ और बताओ कितना चाहिए.
भाभी : ठीक है.
फिर भाभी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे तने हुए 7 इंच के लंड को महसूस करने लगी और भाभी ने अपनी दोनों आँखे बंद कर दी.
भाभी चोंक कर बोली कि देवरजी यह क्या है? इतना मोटा और इतना बड़ा यह तो किसी जानवर जैसा है.
फिर भाभी वहाँ से अपने रूम में चली गयी और तब तक शाम हो गयी.. पापा घर पर आए और माँ भी उठ गयी. फिर भाभी ने सब के लिए चाय बनाई और भाभी बाथरूम गयी और में भी उनके पीछे गया. भाभी ने दरवाजा बंद कर लिया था और में एक छोटे से होल से देखने लगा.. तो मैंने देखा कि भाभी ने अपनी मेक्सी ऊपर कर ली थी और वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी. तो में समझ गया कि भाभी गरम हो चुकी है और में वहाँ से चला गया. तो दूसरे दिन फिर से दोपहर को माँ और पापा अपने कमरे में सोए थे और भाभी और में टीवी देखने बैठे थे और आज में भाभी को देखकर हंस रहा था.
भाभी : आज आप क्यों इतना हंस रहे हो?
में : ( हंसते हुए ) भाभी कल चाय बनाने के बाद आप बाथरूम में क्यों गयी थी?
भाभी : क्या मतलब?
में : भाभी मैंने होल में से सब देख लिया है .
तो भाभी थोड़ा गुस्सा हो गयी और शरमाई भी.
भाभी : अब आपने बातें ही ऐसी की थी कि..
में : आप शादीशुदा होने के बाद भी कंट्रोल कर नहीं पाई और मेरी तो अभी तक शादी भी नहीं हुई है.
भाभी : हाँ बाबा ठीक है.
में : भाभी एक बात बताओ क्या आप शादी से पहले भी यह सब करती थी?
भाभी : हाँ बाबा करती थी.. हम लड़कियों को भी कंट्रोल नहीं होता.. अब आप चुप रहिए.
में : क्यों कल जैसे गरम होकर बाथरूम में जाओगी?
भाभी : प्लीज अब चुप कीजिए ना.
में : भाभी एक बात बताओ आप हमारी बातों से गरम हो गयी थी या मेरे उसको हाथ लगाकर.
भाभी : दोनों से और आपका किसी जानवर से कम नहीं है.
तो भाभी वहाँ से उठकर चली गयी.. लेकिन मुझे मौका नहीं मिल रहा था और ऐसे ही दिन निकलते गये और वो सुनहरा दिन आ ही गया.. जब भैया को ऑफिस के कम से 10 दिन दिल्ली जाना था और उसी वक्त माँ और पापा को हमारे गाँव जाना था.. वहाँ पर पापा के गाँव के दोस्त के लड़के की शादी थी और वो मुझे 5 दिन बाद वापस आने को कह रहे थे.. लेकिन भैया ने उनसे ज्यादा दिन रुकने के लिए कहा था और भाभी घर पर अकेली थी तो माँ अपनी पोती को लेकर चली गयी जो कि 3 साल की है. तो मुझे बहुत खुशी हो रही थी और भैया सुबह चले गये और माँ, पापा की शाम की ट्रेन थी और में उन्हें छोड़कर आया. तो तब तक रात हो चुकी थी और फिर हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सो गये.. दूसरे दिन भाभी ने अपना सारा काम निपटाया और खाना खाकर अपने कमरे में जाकर सो गयी और सीधा शाम को बाहर आई और फिर उन्होंने चाय बनाई.. तब हम टीवी देख रहे थे.
में : भाभी आप आज दोपहर को टीवी देखने क्यों नहीं आई?
भाभी : देवरजी घर पर कोई नहीं है.. तो तब तक थोड़ा आराम ही कर लूँ.. बाकी दिन तो काम ही करने है.
में : लेकिन भाभी मुझे आपके बिना बहुत बोर लगता है आप सोईए मत हम गप्पे लगाएंगे.
भाभी : ठीक है.. लेकिन एक शर्त है.
में : वो कौन सी?
भाभी : आप उस दिन जैसी बातें नहीं करोगे?
में : ठीक है में कोई भी बात नहीं करूंगा बस.
भाभी : ठीक है तो कल हम बातें ही करेंगे.
फिर भाभी खाना बनाने किचन में गयी और उस रात भी हमने एक साथ बैठकर खाना खाया और अपने अपने रूम में सोने चले गये.. लेकिन में फिर से आया और भाभी क्या कर रही है? देखने लगा. में आया तो भाभी, भैया से फोन पर बात कर रही थी और लाईट बंद करके सो गयी. तो में भी अपने रूम में जाकर सो गया. दूसरे दिन हम हमेशा की तरह खाना ख़ाकर टीवी देखने बैठ गये और हम इधर उधर की बातें करने लगे.. लेकिन में सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोदूं?
फिर मैंने भाभी से पूछा.
में : भाभी क्या आपको भैया की याद नहीं आती.
भाभी : आती है तो में उन्हें फोन कर लेती हूँ.
में : और रात को सोते वक्त आपका सोने का तरीका चेंज हो गया ना?
भाभी : देवरजी आप फिर से वही बातें करने लगे हो.
में : भाभी आप तो मेरे दोस्त हो.. तो में कुछ भी बात करूं तो आपको सुन लेना चाहिए.
भाभी : तो क्या आप अपने दोस्तों के साथ हर वक्त ऐसे ही बातें करते हो?
में : हाँ अब उम्र है ही ऐसी तो क्या करूं?
भाभी : क्या बातें करते हो?
में : यही कि कौन सी लड़की कैसी है? उसका फिगर क्या होगा? और हम टीचर के बारे में भी बातें करते रहते है.
भाभी : आप सब लड़के पागल हो चुके हो.
में : अरे कोई तो अपने घर वालों के बारे में बातें किया करो.
भाभी : क्या मतलब?
में : जैसे किसी की माँ, भाभी, बहन.
भाभी : क्या? आपको शरम नहीं आती?
में : किस बात की शरम?
भाभी : अपने घरवालों के बारे में बोलने की.
में : नहीं अब वो भी तो औरते है और वो सब भी सेक्स करते ही है.
भाभी : आपसे तो बात करना ही बेकार है.. वैसे क्या आप भी करते हो किसी के बारे में ऐसी बातें?
में : हाँ करता हूँ.
भाभी : किसके बारे में?
में : आप उस दिन बाथरूम में जो कर रहे थे वो बात मैंने अपने दोस्तों के साथ शेयर कर ली है.
भाभी चौक गयी और बोली.. क्या आपको शरम नहीं आती ऐसी बातें करते वक्त?
में : क्या आपको करते वक्त आई?
तो भाभी एकदम चुप हो गयी.
में : भाभी आपको भैया की रात को याद आती है या नहीं?
भाभी : आती है.. लेकिन क्या करूं?
में : तो फिर आप उस दिन जैसा क्यों नहीं करती?
भाभी : प्लीज अब आप चुप रहिए.
में : वैसे अगर फिर से याद आए तो मुझे जरुर बुलाना.
भाभी : (चौक गई) वो क्यों?
फिर मैंने कुछ बोले बिना भाभी की जांघ पर हाथ रखा और सहलाने लगा भाभी डर गयी.
भाभी : यह आप क्या कर रहे हो? प्लीज दूर हटिए.
तो उन्होंने मेरा हाथ झटक दिया.. मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और पेंट के ऊपर से ही लंड के ऊपर रखा और सहलाने लगा.
भाभी : यह आप क्या कर रहे हो?
तो मैंने भाभी को अपने पास खींचा और उनके कंधे को चूमने लगा भाभी मुझे धक्के देने लगी.. मैंने भाभी को जकड़ लिया और चूमता रहा.. लेकिन भाभी ने लंड के ऊपर से हाथ नहीं हटाया था और भाभी ने मेरे मुहं को साईड में किया और मुझे देखती ही रही.
में : क्यों भाभी उस दिन से आप भी मेरे साथ यही सब करना चाहती थी ना?
भाभी : में कुछ नहीं चाहती आप प्लीज मुझे छोड़ दीजिए.
में : आपको आपके पति की कसम.
तो भाभी एकदम चुप हो गयी और मुझे गले लगाया और हम एक दूसरे को सहलाने लगे थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे फिर से दूर किया.
भाभी : हम यह सब क्या रात में करेंगे? अभी मुझे खाना बनाना है और खाना ख़ाने के बाद में आपके कमरे में चली आऊंगी.
में : ठीक है और हम उठकर चले गये मेरी तो खुशी का ठिकना नहीं रह था और भाभी किचन में खाना बना रही थी. तब में भाभी को पीछे से चिपक गया और उन्हें सहलाने लगा.
भाभी : अब थोड़ा और सब्र करो ना.. मैंने कहा ना कि में खाना खाने के बाद आऊंगी ना प्लीज अब आपके कमरे में जाईए.
फिर मैंने भाभी के बाल खुले किए और वहीं पर खड़ा होकर भाभी के साथ बात करने लगा और उनके बालों के साथ खेल रहा था. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खा लिया और में अपने कमरे में चला गया और थोड़ी देर बाद भाभी मेरे कमरे में आई और उन्हें देखकर में चौक गया. भाभी एक लाल कलर की साड़ी पहनकर आई और उन्होंने बाल खुले छोड़ दिए थे.. में इस हालत में उन्हें देखकर और पागल हुआ.. भाभी बेड के पास आई में खड़ा हुआ और उनको पकड़ कर बेड पर लेटाया और में उनके पास में लेट गया और उनके कंधे और गले को चूमने लगा.
भाभी : तुम्हे पता है में साड़ी क्यों पहनकर आई हूँ?
में : जी नहीं.. लेकिन क्यों?
भाभी : यह मेरी पहली सुहागरात की साड़ी है और में एक बार फिर से सुहागरात मना रही हूँ.
फिर में भाभी के होंठ पर किस करने लगा और मैंने धीरे धीरे भाभी की साड़ी उतारना शुरू किया.. उनका पल्लू बूब्स के ऊपर से हटाया और साड़ी उतार दी और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी.. भाभी मेरे लंड के साथ खेलने लगी और मैंने भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खींचा और पेटीकोट नीचे गिरा दिया. भाभी ने काले कलर की बिकनी वाली पेंटी पहनी थी जिसमे डोरी थी और चूत के ऊपर तितली का चित्र बना था और उसकी डोरी पीछे गांड में घुसी हुई थी फिर मैंने भाभी के ब्लाउज का हुक खोला जो कि पीछे की तरफ था और भाभी का ब्लाउज निकाला अंदर भाभी ने काली कलर की ब्रा पहनी थी जिसमे पीछे की तरफ डोरी थी और तब तक भाभी ने मेरी पेंट निकाल दी थी और मेरी अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड के साथ खेल रही थी. भाभी की चूचियाँ उसकी ब्रा में समा नहीं रही थी. भाभी की चूचियाँ आधे से ज्यादा ब्रा के बाहर आ रही थी.
फिर मैंने उनकी ब्रा भी निकाली और भाभी को बेड पर सुलाया और में उनके ऊपर सो गया और उनकी चूचियाँ मुहं में लेकर चूसने लगा तो उनमे से दूध निकल रहा था तो में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और भाभी ने आँखे बंद कर ली और कहने लगी कि उनमे बहुत दूध है. तो में 15 मिनट तक चूसता रहा और जब दूध ख़तम हुआ तो फिर में उनके पेट को चूमता हुआ नाभि के पास गया.. भाभी सिसिकियाँ ले रही थी. में और नीचे गया और उनकी पेंटी निकाली तो देखा कि भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.. शायद भाभी ने मेरे पास आने से पहले ही शेव कर दी थी. फिर में उनकी चूत की महक ले रहा था और मैंने चूत में उंगली डाली और भाभी की चीख निकल गयी और में चूत के पास मुहं लेकर गया और जीभ से चूत को चाटने लगा.
भाभी : रवि यह तुम क्या कर रहे हो?
में : क्यों भैया यह नहीं करते?
भाभी : कभी नहीं.
में : में आपको बाद में बताता हूँ अब आप सिर्फ़ मज़े लो.
तो में चूत को चाटने लगा और भाभी फिर से सिसिकियाँ लेने लगी और में जीभ को चूत के अंदर डालता रहा. भाभी अपने दोनों पैरो को फैलाकर मेरे बलों को सहला रही थी और मेरा सर चूत पर दबा रही थी. फिर में खड़ा हुआ और मैंने लंड को हाथ में पकड़ कर थोड़ा हिलाया और भाभी की चूत पर रखा और धक्का दिया लंड अंदर चला गया. मैंने और धक्का लगाया और लंड को पूरा अंदर डाला और भाभी बहुत जोर से चिल्लाई.
भाभी : अहह उफ्फ्फ माँ मेरी चूत.
तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया और भाभी चिल्लाने लगी. में स्पीड बढ़ाता गया भाभी जोर से चिल्लाने लगी.
भाभी : अहह उहह अहह मर गइिईईईईई अहह ष्ह अहह मारररर्रर डाला रवीईईईईई अहह.
पहली बार था इसलिए मैंने 10 मिनट में पानी भाभी की चूत में निकाला.. लेकिन भाभी ने अभी तक पानी नहीं छोड़ा था.. मैंने लंड बाहर निकाला और खड़ा होने के बाद फिर से डाला और जोर से धक्के लगाना शुरू किया और फिर 10 मिनट के बाद भाभी ने पानी छोड़ा रूम में एक अजीब सा माहोल हो गया था और भाभी के बाद मैंने भी पानी छोड़ा और में भाभी पास सो गया और मैंने उस रात को यादगार बनाने के लिए भाभी को पूरी रात में 3 बार चोदा और हम नंगे ही एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर सो गये और फिर सुबह उठे.
भाभी : क्यों देवरजी कैसा लग रहा है?
में : भाभी जैसे कि में स्वर्ग में आ गया हूँ.
भाभी : लेकिन तुम किसी जानवर से कम नहीं हो.. मुझे तो लगा था कि में आज रात मर ही जाऊंगी.
फिर उस दिन के बाद मुझे जब भी मौका मिलता में भाभी को चोद देता हूँ और भाभी फिर से प्रेग्नेंट है और उनके पेट में मेरा या भैया का बच्चा है.

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