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Friday, 22 February 2013

कुछ और

किसी की मद्दत के बदले, कुछ और

रमेश अभी भी सोया हुआ | मैने फ़ोन करके कुछ खाने का सामान मंगवाया और चाय बनाने चली गयी | रमेश भी जाग चुका था और हम दोनों साथ चाय पीने लगी | शाम हो चुकी थी | रमेश ने जाने के लिए पूछा; तो, मैने उसे कल शाम तक रुकने के लिए बोला | मैने उसे पार्टी के बारे मे कुछ नहीं बताया | मै नहीं चाहती थी; वो घर चला जाए या भाग जाए | थोड़ी सी नानुकर के बाद वो मान गया और अपने घर फ़ोन कर दिया | मैने उस शाम को उसके बारे मै काफी कुछ जाना और उसकी पूरी पढाई के खर्चा खुद ले लिया | उसका दाखिला विदेश मे किसी बड़े कॉलेज मे हुआ था | फीस का इंतजाम तो उसकी छात्रवृति से हो गया और बच्ची हुई फीस के लिए उसे लोन मिल गया | लेकिन, उसके अलावा भी वहा जाना और रहना काफी मंहगा था; जो उसके परिवार की हैसियत के बाहर था | मैने सारा खर्चा पता लगवाया और उसका सारा इंतजाम कर दिया | उसके रहने के लिए वहा रूम और खाने-पीने का इंतजाम कर दिया गया | मैने ही एक घर वहा किराये पर ले लिया और रमेश को वहा रुकने के भेज दिया | रमेश का एक अकाउंट खुल गया और उसमे २ साल के लिए काफी पैसे जमा कर दिये गये |

रमेश मेरा अहसानमंद था | मैने, रमेश को बोला, मैने कोई अहसान नहीं किया | पहला तुम एक अच्छे इंसान हो और तुम्हारे लिए कुछ करने मुझे ख़ुशी होगी | दूसरा अब तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो और तुम्हे मेरे साथ नाजायज संभंद रखने मे यहाँ परेशानी होगी | तो, अब तुम और हम ऐसी जगह मिलेंगे, जहा हम सबसे अनजान हो | उसको कोई तकलीफ नहीं थी |रात के खाने के बाद उसने मुझे पूरी रात खुश किया और हम दोनों नंगे लिपट कर सोये | सुबह मै जल्दी उठ चुकी थी और मेरे दोस्त आने शुरू हो गये थे | रमेश अभी सो ही रहा था | हम सब औरते मेरे बेडरूम मै जमा थी और सब मेरी क्सिमत से ईर्ष्या कर रही थी | सबको रमेश का शरीर पसंद आ गया था और उसका नंगा बदन सबके तन-बदन मे आग लगा रहा था | सबने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिये और सब के सब नंगी खड़ी हुई थी | ये पहला मौका नहीं था; कि हम सब एक साथ नंगे हुए थे | फिर, हम सब अपने-अपने चूचो को दबा रहे थे और अपनी चुतो मे ऊँगली कर रहे थे |

हम सबके मुह से मस्ती मे कामुक आवाज़े निकल रही थी | आवाज़े सुनकर रमेश की आँखे खुल गयी और इतने सारी नंगी औरतो को अपने चलो तरफ देखकर वो भौचक्का रहा गया | उसने मुझे पूछा, ये सब क्या है? तो मैने कहा, आज तुम्हे हम सब को एक साथ झेलना पड़ेगा | फिर, दो सब उसके पास बैठ गयी और एक ने अपना चुचा उसके मुह मे घुसा दिया और एक औरत उसके लंड से खेलने लगी | उसने उसका लंड अपने मुह मे ले लिया था और उसको जोर-जोर से चूसने लगी | रमेश दर्द से चिला रहा था; लेकिन, सारी औरत पागलो की तरह उसे चूम रही थी |फिर, हमने उसको पलंग पे लिटा दिया और एक औरत ने अपनी चूत उसके मुह पर रख दी और रमेश उसको चूसने लगा | रमेश का लंड सीधा खड़ा था | दूसरी औरत ने अपनी चूत को खोलकर रमेश के लंड मे घुसा दिया और खुद को चोदने लगी | अब हम सब से नहीं रहा जा रहा था | हम सब ने दो-दो का ग्रुप बना लिया और एक दुसरे को चोदने लगे | कोई ऊँगली से, कोई नकली लंड से, कोई गाज़र, मूली और खीरे से |

जो औरत रमेश के साथ झड चुकी होती वो अलग हो जाती और दुरसी औरत रमेश पे चढ़ जाती | कुछ देर बाद रमेश के लंड ने खड़ा होना छोड़ दिया; आज शायद रमेश १०-१२ बार एक साथ झड चुका था | सारी औरते तृप्त हो चुकी थी और रमेश से काफी खुश थी | फिर, मै शर्त जित चुकी थी और शर्त का इनाम एक कार था, जो मेरे फार्महाउस मे आ गयी थे | मैने वो कार रमेश को दे दी और कहा, अब हम सब तुम्हारे लिए है | फिर, रमेश के बारे मे, मैने सबको बताया और सब ने रमेश को किसी भी तरह और कहीं भी मद्दत के कहा | रमेश मेरा बहुत ही अहसानमंद था और मेरी सारी दोस्त चले गये | जिस दिन रमेश को जाना था | उस दिन सारी दोस्तों ने उसे पार्टी दी और उसको छोड़ने एअरपोर्ट तक आये | मै खुद उसके साथ जा रही थी; ताकि, उसको किसी तरह की तकलीफ ना हो |
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