अफ्रीका के देश रवांडा के घने जंगलों के बीच बसे कई कबीलों में इतनी अधिक गरीबी है कि उन कबीलों के पुरुष और मर्द नंगे ही रहते हैं. वहां की औरतें या लड़कियां अपने परिवार के पुरुषों के लिए भोजन पाने के लिए किसी से भी खुले आम सम्भोग कर लेती हैं. वहां सेक्स कोई छिप कर नही करता है. ना ही सेक्स करने पर कोई पारिवारिक बंदिश या सामजिक बंदिश है. वहां हर अमावस्या की रात को काबिले के सभी लोग एक जगह इकट्ठे हो कर आपस में सेक्स करते हैं. इस दौरान कोई भी मर्द किसी भी स्त्री के साथ सेक्स कर सकता है. कोई स्त्री मना नही करती है. वैसे भी आप अगर दिन के उजाले में भी आप उन कबीलों में जाएँ तो आप उनको सरे आम सेक्स करते देख सकते हैं. असल में उनको सेक्स करने में कोई लाज नहीं लगती है. ना ही वो ये समझते हैं कि सेक्स सिर्फ पति पत्नी के बीच होता है. दरअसल वहां पारिवारिक बंधन की कोई ख़ास अवधारणा नहीं है. बाप अपनी बेटी के साथ,माँ अपने बेटे के साथ , भाई अपनी बहन के साथ जब मर्जी हो खुले आम सेक्स करता है. अगर परिवार के बाहर का भी कोई आदमी घर की किसी औरत के साथ खुले आम सेक्स करता है तो परिवार के अन्य सदस्यों को कोई आपत्ति नही होती. वहां की औरत या लड़की किसी को भी सेक्स करने से मना नही करती है. वहां लड़कियां 7 साल की उम्र से ही सेक्स करना शुरू कर देती हैं. कई लड़कियां तो 11 - 12 साल की उम्र में माँ बन जाती हैं. जो लड़की जितनी कम उम्र में माँ बनती है उसे उतनी ही इज्जत मिलती है. लगभग सभी लडकियां सबसे पहले अपने पिता के ही बच्चे की माँ बनती हैं. इसी प्रकार से लड़कियां अपने भाई के बच्चों की भी माँ बनती है. लगभग सभी औरतें अपने बेटों के साथ सेक्स कर के उनके बच्चों को जन्म देती हैं. वहां लड़के 7 साल की उम्र से सेक्स करना शुरू कर देते हैं.
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